आचार्य नवरत्नसागरजी ने महावीर के शासन की अद्भूत प्रभावना की हैं: आचार्य विश्वरत्न सागर सुरिश्वरजी मसा

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सलमान शैख़ @पेटलावद

मालवा की भूमि पर सैकडों वर्ष बाद मंदिर मार्गी संघ में महान संत आचार्य नवरत्नसागरजी ने जन्म लेकर महावीर के शासन की अद्भूत प्रभावना की हैं। आपश्री ने 100 से अधिक दीक्षा, 50 से उपधान करवाए, 250 से ज्यादा जिनालय का निर्माण, 50 से अधिक अंजनशलाका महोत्सव व अनेक पैदल संघ निकालकर हजारों जैन बंधुओं ओर युवाओं को अपने धर्म में दृढ किया।
यह विचार आचार्य विश्वरत्न सागर सूरिश्वरजी ने हजारो की उपस्थिति को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आज आचार्य नवरत्नसागरसूरीश्वर मसा के 76 वें जन्मोत्सव, होली चार्तुमास एवं मुमुक्षु मयंक पावेचा थांदला व मुमुक्षु किरण बेन बाजना के सम्मान में ज्ञात इतिहास का जैन समाज का सबसे बडा वरघोडा निकाला गया। आगे-आगे 11 घोडों की टुकडियों का नैतृत्व युवतियां कर रही थी। वही हाथी पर वर्षीतप आराधिका खूश्बू अशोक मेहता परिवार विराजित था। ऊंट पर भी श्रृद्धालुगण विराजित थे। रथ पर दीक्षार्थी मयंक व किरण बेन विराजित थे। साथ ही दीक्षार्थी वर्षीदान भी करते जा रहे थे। जूलूस में बैंड, ढोल-ताशे की सुमधुर ध्वनियां गूंज रही थी। वरघोडे के साथ आचार्य नवरत्नसागरसूरीश्वरजी की प्रतिमा की पालकी भी साथ में चल रही थी।
करीब 1 किमी से अधिक लंबे इस वरघोडे में समग्र जैन समाज के लोग अपने संघ के निर्धारित गणवेश में महिलाएं, युवतियां कतारबंद्ध होकर जय गुरूदेव के नारे लगाते हुए शामील हुए। पहली बार जैन समाज के किसी धार्मिक आयोजन का सीधा प्रसारण पारस चैनल पर किया गया। जिससे यह भव्य कार्यक्रम राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर देखा गया।
वरघोडे का मार्ग में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, जैन सोश्यल ग्रुप मैत्री, उत्तम ग्रुप, अखिल भारतीय गुरू तरूण परिषद द्वारा विभिन्न पेय पदार्थों से स्वागत किया गया। आदेश्वर नाथ बडा जैन मंदिर से वरघोडा शुरू होकर नगर के प्रमुख मार्गोँ से होता हुआ थांदला रोड खुश्बू गार्डन पर पहुंचा।
आचार्यश्री ने आगे कहा आज उनके प्रताप से मालव भूमि पर जैन धर्म की निर्मल गंगा बह रही हैं। आपके 500 से अधिक साधु साध्वियों मालवा सहित पूरे देश में जैन धर्म की प्रभावना कर रहे हैं। गुरूदेव जहां भी जाते थे पकवानों की खुश्बू फैल जाती थी पर उन्हे तो लुखा-सूखा खाने में ही आनंद आता था। आप अपने जीवन की 194 वें ओली संपन्न करते हुए इस संसार से विदा हुए।
*आचार्यश्री पर जारी डाक टिकट का विमोचन-*
आयोजन स्थल पर भारत सरकार द्वारा आचार्य नवरत्नसागरसूरीश्वरजी के सम्मान में पूर्व में जारी 5 रूपए के डाक टिकट का विमोचन किया गया, इसकी विस्तृत जानकारी सभा को वीरेंद्र जैन राजगढ ने दी। 14 अक्टूबर को मुमुक्षु किरण बेन की दीक्षा प्रत्रिका का विमोचन भी किया गया। इस आयोजन में समग्र जैन समाज के अध्यक्षों एवं सहयोग देने वाले अन्य सभी संस्थाओं ओर महानुभावों का सम्मान किया गया। पहली एक साथ पहुंचे जिले के पेटलावद पूर्व विधायक निर्मला भूरिया, वीरसिंह भूरिया थांदला विधायक, गुमानसिंह डामर झाबुआ विधायक, नागेश्वर में आयोजित 4 दिवसीय शिक्षण शिविर के लाभार्थी सूरेश पप्पू जैन आदि का प्रतिक चिन्हो के द्वारा नवरत्न परिवार पेटलावद की ओर से सम्मान किया गया। जिसके प्रतिउत्तर में समाजसेवी सूरेश जैन ने मंदिर मार्गीय श्रीसंघ को 51 हजार की नकद राशी भेट की।
*चार्तुमास की हुई घोषणा-*
विश्वरत्नसागरसूरीश्वर मसा ने अपना चार्तुमास महाराष्ट्र के महानगर पूना में घोषित किया। आचार्य मृदुलरत्नसागर मसा का राजगढ। मुक्तिरत्न व पवित्र रत्नसागर का मंदसौर। साध्वी हेमचंद्रजी का उज्जैन। साध्वी स्वर्णज्योति व साध्वी सिद्धांतजी आदि ठाणा पूना। पूज्य मुक्तिवल्लभश्री का बाजना। साथ ही गणीपदवी का आयोजन आचार्य आदर्शरत्नसागर का मंदसौर में 6 जून को होगा। चैत्र ओली जी किर्तीरत्नसागर की निश्राय में उज्जैन की घोषणा की गई।
*दीक्षार्थीयों ने कहा: मोक्ष रूपी महल प्राप्त करने की दीक्षा से प्रेरणा मिली-*
दीक्षार्थी मुमुक्षु मंयक पावेचा थांदला ने कहा मेरा सौभाग्य हैं कि मुझे आचार्य उमेशमुनिजी व आचार्य नवरत्नसागरजी का सानिध्य मिला। उन्होने मुझे मोक्ष रूपी महल प्राप्त करने हेतू दीक्षा की प्रेरणा दी। मैने संसार की असारता को समझकर दीक्षा मार्ग पर चलने का निर्णय लिया हैं। जबसे मै दीक्षार्थी घोषित हुआ हू पावेचा नही अपितु समग्र जैन शासन का बेटा बन गया हूं। मुमुक्षु किरण बेन बाजना ने कहा मुझे आज अपार हर्ष हो रहा हैं कि पेटलावद की पुण्य भूमि पर आचार्यश्री का जन्म महोत्सव मनाने का अवसर मिला हैं। मानव जीवन की सार्थकता व सफलता संयम पद अंगीकार करने में हैं। अनंत आत्माओं ने इस मार्ग पर चलकर यह आनंद पाया हैं। मैं भी देव गुरू धर्म में आस्था रखकर मोक्ष मार्ग पर चलने हूेतु दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। इस आयोजन की विशेषता यह रही हैं कि पूरे आयोजन का संचालन संगीतकार, गीतकार, गायक त्रिलोक मोदी अहमदाबाद ने संगीतमय तरीके से किया जो आकर्षण का केंद्र रहा।
*कार्यक्रम की झलकियां-*
– 125 से अधिक श्रीसंघों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
– स्थानीय व आसपास के श्रीसंघों ने अपनी उपस्थिति निर्धारित गणवेशों में दर्ज कराई, जिसने भगोरिया पर्व की याद ताजा कर दी।
– आचार्यश्री ने समग्र जैन समाज ओर पेटलावद नगर की प्रशंसा की ओर भविष्य में चार्तुमास की भावना भी प्रकट की।
– पूरे आयोजन को पूरे नगर श्रृद्धाभाव से देखकर प्रशंसा की, बुजूर्गों ने इसे पहला भव्य आयोजन बताया।
– सभा के दौरान कही भी यातायात बाधिक नही हुआ, पुलिसकर्मी ओर स्वयं सेवी कार्यकर्ता उल्लेखनीय सहयोग दिया।
– दीपचंद्र जैन, धर्मचंद्र जैन ओर प्रकाश जैन जीरावल ट्रस्ट ने दीप प्रज्जवलित किया।

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