अब पक्षियो को तो छोड़ दो..पक्षियो के दाना-पानी के स्थान पर नपं की बुरी नजर, पक्षीप्रेमियो में आक्रोश

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सलमान शैख। पेटलावद
नाच न जाने आंगन टेड़ा.. यह कहावत इन दिनो पेटलावद नगर परिषद पर चरितार्थ होती दिखाई दे रही है। जब से इस परिषद का गठन हुआ है तभी से विवादो से इस परिषद का नाता जुड़ा हुआ है और अब एक ओर नए विवाद को जन्म दे दिया है।
मामला नगर के वार्ड क्रमांक 5 के जवाहर मार्ग का है। दरअसल, वर्तमान अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा के पुराने कार्यकाल में यहां पुरानी नगर पालिका को तोड़कर बनाई गई गुणवत्ताहीन दुकानो के ऊपर 30 दुकाने बनाने की फिराक में अध्यक्ष भटेवरा है। अंदरूनि तौर पर चल रही चर्चा जब सार्वजनिक हुई तो नगर के पक्षीप्रेमियो को आक्रोश उबल पड़ा, क्योकि जिस जगह नपं अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा दुकाने बनाने की फिराक में है, वहां रोजाना अलग-अलग प्रजाति के सैकड़ो पक्षी विचरण करने और दाना चुगने आते है। इसमें हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर भी शामिल हैं। नगर के पक्षीप्रेमियो का कहना है कि नगर के लोगो को नपं अध्यक्ष ने छोड़ा नही, अब पक्षीयो को तो छोड़ दो, कि उन बेजुबानो के स्थान को भी अपनी काली कमाई का जरिया बनाओगे।
अगर दुकाने बनानी ही है तो दूसरी जगह चुने-
खोखले वायदे करने वाली नगर परिषद 4 सालो में नगर की जनता को एक भी सौगात नही दे सकी है। अगर नगर परिषद को दुकाने बनानी है तो और भी बहुत सी जगह है, जहां गरीब गुमटियां लगाकर अपना जीवन यापन कर रहे है। रूपगढ़ रोड़ इसका जीता जागता उदाहरण है। यहां पिछले कई वर्षो से गरीब गुमटीधारी पक्की दुकाने बनने की बांट जोह रहे है। यहां इतनी जगह है कि हर एक गुमटीधारी को दुकान मिल जाएगी और अन्य व्यवसाई भी यहां दुकान ले सकते है। ऐसे कई स्थान है जहां नगर परिषद दुकाने बना सकती है, लेकिन न जाने क्यो इस परिषद की मती मारी गई जो पहले तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े बालोद्यान की जमीन पर दुकाने बनाने का सपना देख रही थी, वहां बात नही बन रही तो अब नगर के अंदर दुकाने बनाने की फिराक में है। यहां श्री गणेश मंदिर और जैन समाज का स्थानक भवन है। यहां अगर दुकाने बनी तो इन दोनो स्थानो पर कोलाहल पैदा होना संभव है।
नेताओ और जनप्रतिनिधियो की चापलूसी में लगे सीमएओ-
मुख्य नगर पालिका अधिकारी यानि सीएमओ यह एक ऐसा पद है, जो नगर में हो रही हर छोटी-बड़ी समस्याओ को उत्पन्न न होने से लेकर जनता हित में कार्य करता है, लेकिन यहां वर्तमान में पदस्थ साहब है कि नेताओ और जनप्रतिनिधियो, अध्यक्ष की चापलूसी में लगे हुए है। यही वजह है कि नपं में सबकुछ रामभरोसे चल रहीा है। न तो कोई सुनने वाला है और न ही कोई जनता की समस्या समझने वाला है।। बस जो इनका पेट बड़ा करे उन्हें ही यह तवज्जो देंगे, बाकि सब जाए भाड़ में।
बेजुबान पक्षी हो जाएंगे दाना-पानी से दूर-
नगर के वरिष्ठ समाजसेवी और वर्षो से राष्ट्रीय पक्षी मोर के संरक्षण की लड़ाई लड़ने वाले वयोवृद्ध हस्तीमल बाफना का कहना है कि जनता से चुने गए जिम्मेदारो को सोचना चाहिए कि वह बेजुबान पक्षियो के दाना-पानी से दूर न करे, बल्कि और उनके लिए व्यवस्था करे, लेकिन हमारे पास यह बात आई है कि यहां दुकाने बनेगी, तो यह सैकड़ो पक्षी कहां जाएंगे। वहीं सामने ही स्थानक भवन है। जंहा कई प्रकार की धार्मिक आयोजन होते है। दुकान निर्माण से इसमें भी बाधा आएगी।
पक्षियो को तो छोड़ दो-
वार्ड क्रमांक 5 के पूर्व पार्षद राकेश मांडोत का कहना है कि 4 वर्षो में नपं ने कोई उपलब्धि हासिल नही की, बस लोगो को खून के आंसू ही रूलाए है। बालोद्यान पर अपने मंसूबो में कामयाब न होता देख अब नपं अध्यक्ष की नजर इस जगह पर आ टिकी है, यह हमें कतई बर्दाश्त नही होगा, इसके लिए हम आंदोलन पर उतर जाएंगे।
रोज दुकानदार और रहवासी डालते है दाना-
व्यवसाई महेंद्र कोठारी ने बताया यहां बड़ी संख्या में मोर, कबूतर, तोते, चिड़िया आदि पक्षी विचरण करते है और दाना पानी चुगते है। रहवासी और दुकानदार भी उनके लिए जो भी व्यवस्था होती है सभी करते है। गर्मी में भी यहां इनकी संख्या अधिक हो जाती है, क्योकि यहां दाना और पानी भरपूर मिल जाता है। यहां अगर दुकाने बनी तो यह सभी पक्षी भटकने पर मजबूर हो जाएंगे।
नपती करने पहुंचे थे, लेकिन विरोध में नही की गई-
सीएमओ मनोज शर्मा का कहना है- दुकान निर्माण के लिए नपती करने पंहुचे थे लेकिन विरोध के कारण नपती नही की गई।