ये है कोरोना योद्धा: जिंदगी मौत से जूझ रही थी झाबुआ की यह महिला; दाहोद के यह डॉक्टर उसे बचा लाये…

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राजेंद्र शर्मा@ दाहोद
दाहोद का झायड्स अस्पताल मध्य प्रदेश झाबुआ की 22 वर्षीय गर्भवती महिला के लिए पियर बन गया हे! पेट में पल रहे दो बच्चे एवं महिला का अस्पताल में पियर जैसी देखरेख रखी जा रहा है कुछ दिनों पहले महिला की स्थिति देखते हुए लग रहा था कि यह महिला नहीं बचेगी किंतु कोरोना से जंग लड़ कर यह गर्भवती महिला मौत के मुंह में से बाहर आई हे. मध्यप्रदेश के झाबुआ के निवासी संजय में होंडा की 22 वर्षीय पत्नी अंतिमबाला मार्च के मध्य में कोरोना संक्रमित हुई थी तत्पश्चात उन्हें होम आईटी लेट किया गया था किंतु इस महिला को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण इसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां पर इस महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर इस महिला को दिनांक 25.04.2021के दिन ताबड़तोड़ दाहोद के झायड़स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां इनकी परिस्थिति बहुत ही गंभीर नजर आ रही थी. कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर महिला संक्रमित हो रही है वही जाएगा अस्पताल के कोविड अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ कमलेश निनामा इस महिला को बचाने के प्रयास में जुट गए इस महिला की रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि इस महिला के पेट में जुड्वा बच्चे आकार ले रहे हैं शरीर में ऑक्सीजन प्रमाण 88 हो जाने पर डॉक्टरों ने तुरंत इस महिला को दिनांक 29 अप्रैल को वेंटिलेटर पर रख दिया था .बाय पेप वेंटिलेटर पर आ जाने पर इस गर्भवती महिला की जिंदगी और मौत के बीच जंग शुरू हो गई थी इस महिला ने दृढ़ निर्धार के साथ बिना डरे अपने आत्मविश्वास के सहारे कोरोना के साथ निर्णायक जंग में जीत हासिल की बाद में इस महिला की हालत सुधारने पर दिनांक 1 मई को इस महिला को बाएं पैर से हटाकर ऑक्सीजन पर रख दिया था यहां पर अभी इसकी हालत सुधर गई हे इस गर्भवती महिला को अस्पताल द्वारा हाई प्रोटीन खाना देने में आ रहा था उपरांत हॉस्पिटल में काम करने वाले नाम से अपनी सगी बहन जैसा इस महिला का ख्याल रख रही थी