भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, लाखों की लागत से निर्मित होने वाला पुलिया

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास के मेक इन इंडिया का नारा एवं मप्र की कमलनाथ सरकार के वक्त बदलाव के नारे को ग्रामीण क्षेत्र में विकास के लिए नासूर बने कुछ लोग भ्रष्टाचार के मेले पानी से उक्त नारों पर कालिख पोतने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मेघनगर जनपद पंचायत मेघनगर के ग्राम पंचायत खच्चरटोडी के नया गॉव जागीर का है, जहां पर पंचायतराज संचालनालय विभाग द्वारा ग्राम पंचायत खच्चरटोडी को 14 अप्रैल 2018 को पुलिया निर्माण का स्वीकृत आदेश देकर निर्माण कार्य हेतु 2 लाख 50 हजार रुपये दिए थे। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से आज तक दस प्रतिशत कार्य भी नहीं किया गया है, यहां तक जो कार्य किया गया है वह भी घटिया स्तर का है निर्माण कार्य मे उपयोग कच्ची आने वाली गिट्टी पास ही के एक निजी खदान का वेस्ट मटेरियल के जो कि गिट्टी की के समान देखने मे नजर आता है पर मजबूत में नही। ऐसी घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। सबसे रोचक बात तो यह है कुछ दिनों पहले किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य न होने बावजूद आज से 5 महीने पहले 50 हजार से ज्यादा के दो फर्जी बिल जो की किसी स्थानीय व्यक्ति के मेसर्स द्वरा लगाकर निकाल लिए गए। पूरा खुलासा तब हुआ जब 11 मई 2019 को स्थानीय होनहार पढ़े-लिखे एक युवा द्वरा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत की गई। शिकायत के तुरन्त बाद आनन-फानन मे मामूली निर्माण कार्य चालु कर उक्त शिकायत को पुलिया निर्माण कार्य सचारु रुप से चालू बताकर अधिकारियों से सांठगांठ कर शिकायत को बन्द कर दिया और 4 से 5 दिनों के बाद उक्त निर्माण कार्य को बंद कर दिया। अब पूरा मामला मीडिया मे आने पर शासन-प्रशासन उक्त भ्रष्टाचारियों पर क्या कार्रवाई करता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। उक्त फोटो में आप स्पष्ट देख सकते हैं कि पुलिया जिस अमानत मटेरियल और स्थिति में दिख रहा है जो एक मात्र का ढोंग है पुलिया का पानी जिस और निकलेगा उसके पास में कुआं है। अब पुलिया का पानी कुएं में तो जाकर गिरेगा नहीं, यहां बड़ा सवाल है। भ्रष्टाचारी चंद लोग ग्रामीणों का तो शोषण कर ही रहे हैं। साथ में सरकार के विकास के दावे को भी दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। अब इन भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होना जरूरी है तभी मेक इन इंडिया बनके मेरे गांव के साथ देश की तस्वीर बदल सकती है।

खच्चाटोडी हरिओम मंदिर पर भी चबूतरे के नाम पर पैसा डकारा
झाबुआ जिले में यदि सबसे बड़ा हरिओम मंदिर कहीं हैं तो वह रंभापुर से मेघनगर के बीच ग्राम खच्चाटोड़ी में है जिसकी मिसाल पूरे जिले में दी जाती है यहां का पूर्व में किया गया महायज्ञ या फिर यहां पर मुंबई से आए एक महंत द्वारा गौशाला निर्माण या पौधारोपण या फिर स्थानीय ग्राम वासियों द्वारा मंदिर को सहेजने के प्रयास बहुत की अनूठे मिसाल आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है ।लेकिन कुछ भ्रष्ट जयचंद लोग हरिओम मंदिर के पीछे चबूतरा बनाने को लेकर चार लाख रुपये की जो शासकीय राशि मंजूर हुई थी। और आशी भ्रष्टाचारी डकार कर आहा तक नहीं ले रहा है । उक्त मंदिर के पास चबूतरा तो क्या वहां पर भ्रष्टाचार ढोंगी लोगों ने सिर्फ दिखावे के नाम पर कच्ची छोटी दीवार बनाकर इतिश्री कर ली व दो लाख की राशि डकार गए । लेकिन भगवान के घर देर है अंधेर नहीं भ्रष्टाचारियों को जल्दी उक्त कृतियों की सजा किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगी।

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