नवीन तालाब को लेकर दो ग्रामों के रहवासी हुए आमने-सामने, यह बताई समस्याएं

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
कोरोना संकट के बीच जहां प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है तो वही नवीन तालाब निर्माण को लेकर ग्राम छोटा घोसलिया एवं बडावली के ग्रामीण आमने-सामने हो गए हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि ग्राम पंचायत छोटा घोसलिया द्वारा 14 लाख की लागत से बनने वाले नवीन तालाब निर्माण के बाद बडावली का मुक्तिधाम बेडावली से गुजरपाड़ा निकलने का रास्ता एवं पास ही में तालाब से लगी हजारों पौधों की नर्सरी पर अस्तित्व का खतरा मंडराने के साथ ही पुराने तालाब की पाल कमजोर का भी भय है। इसलिए नवीन तालाब निर्माण बडावली के ग्रमीणों को रास नहीं आ रहा है। वही छोटा घोसलिया के ग्रमीणों का कहना है कि लॉक डाउन के चलते ग्राम के सरपंच मानसिंह बड़ी मुश्किल से तालाब निर्माण का कार्य गांव के विकास में लेकर आए हैं। तालाब निर्माण होने से ग्रामीणों के पेयजल की समस्या भी खत्म होगी व वर्तमान में प्रवासी मजदूरों को मजदूरी भी मुहैया होगी। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वर्तमान नवीन बन रहा तालाब बहुत छोटा है व कम लागत का इससे किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं होगी। अब दोनों ही ग्राम के लोग सीमांकन और प्रशासन के आला अधिकारी की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि प्रशासन का कोई नुमाइंदा पटवारी नवीन तालाब निर्माण मौका स्थल पर पहुंचे और पूरी स्थिति को स्थित साफ करें। वर्तमान में नवीन बन रहे तालाब का काम विवादित स्थिति होने के कारण रोक दिया गया मीडिया भी बेबाक तरीके से घटनास्थल पर पहुंचा। ग्रामीणों ने कई फोन संबंधित पटवारी को किए लेकिन उन्होंने कार्यालय में काम होने का हवाला देकर मौका स्थल पर न पहुंचने की बात कही क्या अब मेघनगर एसडीएम इस मामले को संज्ञान में लेकर दोनों ग्रामो के बीच विवाद की स्थिति को शांत करवाएंगे या फिर आने वाले दिनों में यह चिंगारी आग का रूप लेगी ये तो साहब को तय करना है। क्योंकि आगामी दिनों में बारिश है और जल्दी ही तालाब का निर्माण नहीं किया गया तो सरकार का लाखों रुपए का नुकसान और ग्रामीणों का आपसी विवाद सर चढ़कर बोलेगा। उक्त मामले को लेकर बेडवाली के ग्रामीणों ने आवेदन भी एसडीएम को सौंपा है अब देखना यह है कि आखिर इस विवाद का एसडीएम साहब का हल निकालते हैं।