आंगनवाड़ी से वंचित है इस फलिए के बच्चे, नन्हें बच्चों के साथ पक्षपात

- Advertisement -

सुनिल खेेड़े@जोबट

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लगातार शिक्षा में स्तर को बेहतर करने के दावे करती है लेकिन सरकार के ये दावे कई बार विभागीय लापरवाही एवं भ्रष्टाचार की भेंट चड जाते है । ऐसा ही एक मामला अलीराजपुर जिले की जोबट जनपद में देखने को मिला है । दरअसल जनसुनवाई में एक शिकायत की गई है जिसमें बताया गया है की जोबट जनपद की ग्राम पंचायत डेकाकुण्ड में तडवी फलिये में एक आंगनवाडी पूर्व से तथा एक निर्माणाधीन है। ऐसे में तीसरी आंगनवाडी के लिये भी इस फलिये में लेआउट डाल बनने की तैयार की जा रही है। इसके चलते ग्राम के हवेली फलिया जहा लगभग 52 परिवार निवासरत है को पुनः आंगनवाडी वंचित रखा जा रहा है । शिकायत मे बताया गया है की सहायिका व सुपरवाईजर तडवी फलिये में निवासरत है इसी कारण दबाव में विभाग तिसरी आंगनवाडी भी वही बना रहा है जबकी हवेली फलिये से तडवी फलिये की दुरी अत्यधिक है । इस संबध में हवेली फलिये निवासी लालुसिंह बघेल ने बताया की हमारे फलिये के समस्त निवासीयों द्वारा पुर्व दिनांक 08 फरवरी 2022 को जनसुनवाई अलीराजपुर में एक आवेदन दिया गया था जिसमें मांग की गई थी की हमारे बच्चो के भविष्य को देखते हुए तडवी फलिये की जगह हवेली फलिये में आंगनवाडी बनाई जाये । इसके अलावा सीएम हेल्पलाईन 181 पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई है लेकिन विभाग हमारे साथ पक्षपात कर एक नही सुन रहा है । जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य आयोजन मद योजनार्न्तगत स्वीकृत आंगनवाडी भवनो की सुची में ग्राम डेकाकुण्ड में हवेली फलिये में निर्माण की स्वीकृती दर्शाया गया है इसके बावजुद विभाग हवेली फलिये निवासीयों के साथ पक्षपात कर उक्त आंगनवाडी तडवी फलिये में बनाने को आतुर है । शिकायत के बाद भी उपयंत्रि नितेश भूरिया द्वारा आज दिनांक 22 फरवरी 2022 को तडवी फलिये में निर्माण हेतु लेआउट डाल दिया गया है । अब यहा प्रश्न यह उठता है की एक ही जगह तीन आंगवाडीयों की क्या आवश्यकता है क्या छोटे छोटे बच्चो के लिये जरूरी नही है की दुरी को देखते हुए स्वीकृत स्थान हवेली फलिये में ही आंगनवाडी बनना चाहिये जो भी हो 14 दिन पुर्व जनसुनवाई में की गई शिकायत व सीएम हेल्पलाईन 181 का विभागों ने मजाक बनाकर रख दिया है । 

-आंगनवाडी जहां के लिए स्वीकृत हुई है वहीं बनेगी। अगर स्थान बदला जाता है तो उसके लिए जिले से अनुमोदन लेना होता है। स्वीकृत अगर हवेली फलिये के लिए है तो वहीं बनना चाहिये। स्थान बदलने संबंधित किसी भी प्रकार का जिले में अनुमोदन नहीं भेजा गया है। पूरा मामला कल मैं दिखवाता हूं। 

विक्रमसिंह राठौर , सीईओ जनपद पंचायत, जोबट