राजनीतिक हलचल: नगर परिषद चुनाव से पहले भाजपा में दो फाड़, भाजपाइयों के बीच दिखी रस्साकसी; क्या आम आदमी पार्टी की होगी एंट्री…

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सलमान शैख @ झाबुआ Live
आने वाले कुछ ही दिनों में पेटलावद में नगर परिषद चुनाव होना है। पार्षद उम्मीदवारों में ही जीत के बाद फैसला होना है कि कौन अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा, लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर चुनाव की घोषणा के बाद ही भाजपा में दो फाड़ होती नजर आ रही है और यही वजह रहेगी कि पेटलावद की राजनीति में पहली बार आम आदमी पार्टी की एंट्री होगी। यह हम नही कह रहे भाजपा संगठन से ही जुड़े मंडल उपाध्यक्ष गौतम गेहलोत जो अपने ग्रुप गोतम ग्रुप के नाम से पेटलावद में चर्चित नाम है, उनकी फेसबुक पर बीती रात को डाली गई एक पोस्ट से जाहिर हो रहा है। इस पोस्ट के बाद हम यह कह सकते है कि नगर परिषद चुनाव से पहले भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। टिकट की चाह लोगो को बगावती सुर अख्तियार करने पर मजबूर करेगी या फिर संगठन उन्हें मनाने में कामयाब होगा, यह तो आने वाले कुछ ही दिनों में तय हो जाएगा जब भाजपा की ओर से 15 ही वार्डो में अपने अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी की जाएगी।
क्या भाजपा ही भाजपा को हराएगी:
भाजपा में गुटबंदी चरम सीमा पर है। भाजपा के वो लोग जिन्हें पार्षद का टिकट नहीं मिलेगा, वह निश्चित ही घोषित प्रत्याशियों को हराने के लिए लग जाएंगे और वह निश्चित तौर पर भितरघात करते हुए उन्हें पराजित भी कर सकते है। इसका भी सीधा लाभ आम अन्य पार्टी या निर्दलीय प्रत्याशियों को मिलेगा।
क्या होगी पेटलावद में आम आदमी पार्टी की एंट्री:
सोशल मीडिया पर भाजपा के उपाध्यक्ष द्वारा डाली गई पोस्ट से तो यही जाहिर होता है कि कहीं न कहीं टिकट वितरण में उनकी नही चलने पर वे खासे नाराज है और यही वजह है कि वे अब अपनी नई पार्टी बनाने का मन बना रहे है। हालांकि इस पोस्ट के कई मायने है। वे अपना शक्ति प्रदर्शन भी कर रहे है कि अगर टिकट वितरण में उनके मनमाफिक लोगो को पार्टी टिकट नहीं देती है तो वे 15 ही वार्डो में अपने प्रत्याशी खड़े करकर नगर परिषद चुनाव लडेंगे। इस पोस्ट के बाद यह तो साफ जाहिर हो रहा है कि नगर परिषद चुनाव में अब आम आदमी पार्टी की एंट्री होने वाली है।
बीते पंचायत चुनाव में निभाई थी अहम भूमिका:
गोतम ग्रुप पेटलावद का सबसे चर्चित नाम है। भयंकर जलसंकट में भले ही नगर परिषद जनता को पीने का पानी मुहैया कराने में नाकाम साबित हुई, लेकिन गौतम ग्रुप ही था जिसने पूरे पेटलावद नगर की जनता के लिए नए टैंकर मंगाकर उनकी पानी की पूर्ति की। यह पेटलावद की जनता भी भलीभांति जानती है, वहीं दिवाली और या होली गरीब बस्तियों में जाकर गरीबों के बच्चों को उपहार स्वरूप त्योहार मनाने का सुखद कार्य भी गोतम ग्रुप ने किया है। बीते पंचायत चुनाव में भी गोतम ग्रुप ने संगठन में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, खासकर जिला पंचायत के वार्ड 13 में जहां भाजपा के जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेड़ी की पत्नि चुनाव जीती थीं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद चुनाव से इस तरह से अचानक गोतम ग्रुप का आम आदमी पार्टी के गठन की पोस्ट डालना किस तरफ इशारा कर रहा है। क्या भाजपा ही भाजपा को इस चुनाव में हराएगी। खैर यह तो भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है।
अंदुरनी तौर पर चल रहा सर्वे:
भले ही आज नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज है और भाजपा में हर वार्ड में उम्मदीवारो की फौज बड़ी नजर आ रही है, लेकिन संगठन इस बार पुराने पार्षदों के साथ नए चेहरों जो अपनी दावेदारी कर रहे है उनको लेकर अंदुरूनी सर्वे कर रहा है। हाल ही में भाजपा की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को बुलाया गया और बैठक में सिर्फ एक विषय पर पदाधिकारियों ने फोकस किया वह है पार्टी का निर्णय सर्वमान्य रहेगा पार्टी जिसे टिकट दे उसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को काम करना होगा। ऐसे में कई दावेदार जो भले ही अभी टिकट की दावेदारी कर रहे है, लेकिन जैसे ही भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी तो कई ऐसे दावेदार रहेंगे जिन्हें पार्टी हित में अपना नामांकन वापस लेना पड़ेगा और चुनाव से पीछे हटना पड़ेगा। हालांकि इसमें भीतरघात की प्रबल संभावनाएं रहेगी। वहीं इस बार पार्टी भी नए चेहरे तलाशने में लगी है, जिसमें कई वार्डो में भाजपा युवाओं को मौका दे सकती है तो कई वार्डो में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को टिकट मिल सकता है। यह तो तय है नगर निकाय चुनाव में भाजपा की ओर से कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिया जाएगा। यह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय कर चुका है।
हर दृष्टिकोण से झाबुआ जिले की मुख्य केंद्र है पेटलावद:
झाबुआ जिले के पेटलावद की बात की जाए तो यह शहर हर दृष्टिकोण से जिले का मुख्य केंद्र है। राजनीति से लेकर खेती किसानी या अन्य कोई कार्य हो, हर चीज़ में पेटलावद का नाम पूरे जिले या प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और विदेश में चर्चित है। पेटलावद नगर हमेशा भाजपा का गढ़ रहा है यहां संघ और हिन्दू संगठन काफी मजबूत है यहां धर्म ध्वज लेकर चलने वाले युवा काफी सक्रिय है और लगातार हर वर्ष धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमो का दौर इस नगर मर जारी रहता है इस लिए इसे धर्म नगरी भी कहा जाता है इस नगर की सामूहिक एकता अपने आप मे एक मिसाल गए… ओर लगातार इस नगर की जनता भाजपा के पक्ष में वोट करती आई है… जबकि कांग्रेस यहां पर शून्य पर है कारण यह है कि कांग्रेस यहां कोई मजबूत
नेता नही उभार पाई न जनता के बीच जाकर। उनके काम कर पाई जिस कारण कांग्रेस यहाँ
शून्य है।
इधर…क्या कांग्रेस इस बार लगा पाएगी भाजपा के गड़ मे सेंध:
वहीं कांग्रेस की बात करे तो कांग्रेस को इस बार भी उम्मीदवारों की तलाश रहेगी। हालांकि कई वार्ड ऐसे है जहां कांग्रेस के दावेदार सामने आकर अपनी दावेदारी जता रहे है, लेकिन पार्टी किसको टिकट देती है यह आने वाले कुछ दिनों बाद पता चलेगा। वहीं भाजपा में इस तरह हो रही खींचतान का फायदा भी कांग्रेस उठाना चाहेगी। सवाल यह है कि इस चुनाव में क्या कांग्रेस भाजपा का गड़ कहे जाने वाले पेटलावद में अपनी सेंधमारी करेगी या फिर से कांग्रेस का इस नगर परिषद चुनाव में सूपड़ा साफ हो जाएगा।