मसलने-कुचलने वाली मानसिकता के दिन अब लद चुके हैं, गुमानसिंह अफसर की कुर्सी से अब नीचे उतरकर बोलना सीखें : कांग्रेस

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भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर ने कल कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को कोसते हुए काकनवानी में धमकी दी थी कि वे उनको वे मच्छर जैसा मसल के रख देंगे। डामोर की धमकी पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, युवा नेता डॉ. विक्रांत भूरिया, चुनाव संचालक रमेश डोशी और प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने पलटवार करते हुए कहा है कि गुमानसिंह इन दिनों जिस तरह की घमंड भरी बयानबाजी कर रहे हैं, वह हमारे प्रजातंत्र की भावना के खिलाफ है। मसलने-कुचलने की धमकिया देने वाली मानसिकता के दिन तो अब लद चुके हैं। ऐसा लगता है, वे पीएचइ विभाग की कुर्सी के भ्रम से खुद को अब भी मुक्त नहीं कर पा रहे हैं। अभी शायद तो उन्होंने राजनीति की शालीन भाषा को सीखने की शुरुआत भी नहीं की है इसी कारण उनके मुंह से हर रोज जहरीले बोल ही निकल रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पिछले चार दशक से जनता और अपने क्षेत्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबध्दता और सक्रियता की बुनियाद पर कांतिलाल भूरिया ने अपनी पुख्ता साख़ बनायी है। राजनीति और सेवा के क्षेत्र में उनकी अपनी प्रतिष्ठा है। ऐसे जननेता को मच्छर की तरह मसलने की धमकी वही व्यक्ति दे सकता है जो अपनी ताकत और हैसियत को लेकर अपने मन में खुशफहमी पाले हो। गुमानसिंह को स्वयं फैसला करना चाहिए कि इस पृष्ठभूमि में वे कहां खड़े हैं ? अपने सार्वजनिक आचरण को लेकर वे आत्मनिरीक्षण करें तो उन्हींके हक में होगा। वे इस हकीकत को भी स्वीकार करें कि पद पर रहते अफसर कितना भी तीसमारखां क्यों न रहा हो, सेवानिवृति के बाद उसकी सारी तीसमारखा हवा हो जाती है। जो पूर्व अफसर इस हकीकत को स्वीकार नहीं करता उसको भ्रम की दुनिया में भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बयान में आगे कहा गया है कि लंकापति रावण तो बड़ा ज्ञानी और शक्तिशाली था, किन्तु उसका घमंड उसके इन दोनों गुणों पर भारी पड़ा और अंतत: उसका क्या हश्र हुआ, सब जानते हैं। हमारे यहाँ तो आम मान्यता है कि घमंडी का सिर हमेशा नीचा होता है।
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