पोस्ट ऑफिस घोटाला: गरीबो के करोड़ो डकारने वाले पहुंचे जेल की सलाखो के पीछे

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सलमान शैख़@ पेटलावद

5 वर्ष पूर्व हुए पोस्ट ऑफिस घोटाले में बुधवार को पकड़े गए मोन्नत दम्पत्ति को गुरूवार को पुलिस रिमांड दिए जाने के बाद शुक्रवार को फिर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था। यहां न्यायाधिश संजीव कटारें ने 7 प्रकरणो में धारा 420, 467, 468, 471, 409 के तहत सुनवाई शुरू की। जिसमें उन्होनें सभी प्रकरणो में जेल वारंट बनाने का आदेश दिए। वहीं चालान पेश करने की अगली तारीख 28 मार्च दी गई।
बता दे कि घोटाले की मास्टरमाइंड आरोपी आशा मोन्नत के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में 6 प्रकरण पंजिबद्ध थे और 7वें प्रकरण में आशा मौन्नत के साथ उनके पति श्रेणिक मौन्नत भी आरोपी बनाये गए थे। इन सभी मामलों में पेटलावद पुलिस द्वारा आगे की जांच के लिए पीआर मांगी थी जिसके बाद न्यायाधीश कटारे ने पुलिस और अभियोजन अधिकारी रवि प्रकाश राय के तर्को से सहमत होते हुए दोनो आरोपियों को शुक्रवार तक इस प्रकरण में पुलिस रिमांड देने के साथ ही शेष 6 मामलों में जेल वारंट बनाने का आदेश जारी किया था। शुक्रवार को भी अभियोजन अधिकार रवि प्रकाश राय ने पीडि़तो की ओर से तर्क प्रस्तुत किए। जिससे न्यायाधीश सहमत हुए और दोनो दपत्तियो को जेल भेजने के आदेश दिए। न्यायालय के इस आदेश के बाद पीडि़ते ने खुशी जाहिर की। उन्होनें यह भी कहा कि देर से ही सही आखिर में हमें न्याय मिल ही गया और गरीबो के खून-पसीने की कमाई हुई करोड़ो की रकम डकारने वाले मौन्नत परिवार जेल की सलाखो के पीछे गया।

ऐसे करता था हेरफेर-
एजेंट हर महिने खाताधारकों से पासबुक में हस्ताक्षर कराकर पैसे लेता था। पहले तो उसने पोस्ट आफिस में ही पैसे जमा कराए। पैसा कमाने की लालच मेें आकर उसने घोटाला करने की जुगत सोची। फिर क्या था वह खाताधारकों की पासबूक में हर माह हस्ताक्षर करता था। और साथ ही हर माह पोस्ट ऑफिस की फर्जी सील लगाकर खाताधारकों को सौंप देता था। बेचारे खाताधारकों को ये पता नही था कि उनका पैसा पासबूक में तो जमा हो रहा हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस में नही। एजेंट बीच में ही पासबूक में गड़बड़ी कर जमा रकम में हेरफेर कर पैसों को पोस्ट ऑफिस में जमा नही कराकर अपने निजी कार्य सहित उन पैसो में घोटाला करता था। हेरफेर करने का यह सिलसिला पिछले कई वर्षो से चल रहा था। एजेंट ने कई लोगो की पासबूक में हेरफेर कर जमा पैसे में घोटाला किया। यह सिलसिला जुलाई 2014 तक चलता रहा। इस दौरान उसने करोड़ो रूपए की राशि करीब 700 लोगो की पासबूक में हेरफेर की। खुद को पोस्ट ऑफिस का एजेंट बताने वाले पेटलावद निवासी संदीप की मां आशादेवी मौन्नत ने पोस्ट ऑफिस में एजेंसी ले रखी थी। संदीप लोगो के खाते खुलवाने, पैसा जमा करने, डायरी में पावती देने के साथ लेन-देन का कार्य भी करता हैं।

ऐसे पकड़ी गड़बड़ी-
पोस्ट ऑफिस की पासबूक पर अंकित खाता नंबर से ग्राहको को शक हुआ। एक खाताधारक ने एजेंट के माध्यम से अपना खाता पोस्ट ऑफिस में खुलवाया। जहां से उसे खाता नंबर प्राप्त हुए जिसके बाद उसी व्यक्ति ने दूसरा खाता खुलवाया तो उसे पहले खाते से दूसरे खाते से खाता नंबर घटते क्रम में मिले। तो उसे शक हुआ की जब उसने दूसरा खाता खुलवाया हैं तो खाता नंबर बढ़ते क्रम में मिलना चाहिए। खाता नंबर में गड़बड़ी पाई गई, जिसके बाद खाताधारक ने जाकर पोस्ट ऑफिस में अपना खाता चेक करवाया तो उसमें किसी प्रकार का बैलेंस नही था। पासबूक पर जमाकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर व डाकघर की सील दिखाई तो बस यहीं से एजेंट द्वारा की गई गड़बड़ी सामने आई।
ज्यादातर कर्मचारी और पेंशनर को बनाया अपना शिकार-
एजेंट ने अपने इस गोरखधंधे में ज्यादातर शासकीय कर्मचारियों और पेंशनर को शिकार बनाया था। कर्मचारियों को बहला-फूसलाकर एजेंट ने पोस्ट ऑफिस में खाते खुलवाए और उनकी जमा राशि में हेरफेर की। इसके साथ ग्रामीण इलाकों के ग्रामवासीयों से भी अवैध रूप से पैसे लेने का मामला सामने आया था। ग्रामीणों को खाते खुलवाने, पैसा जमा करने, डायरी में पावती देने के साथ लोन दिलाने के नाम पर उनके जमा पैसो में भी गड़बड़ी की।
अपने दोस्तो को भी नही छोड़ा-
एजेंट ने दूसरे लोगो के साथ दिन-रात साथ रहने वाले दोस्तो को भी नही बख्शा। अपने दोस्तो के खाते पोस्ट ऑफिस में खुलवाकर उनसे मोटी रकम जमा कर रकम में हेरफेर कर घोटाला किया था।

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