पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष व समाजसेवी सुरेशचन्द्र पूरणमल जैन गिरफ्तार; भेजे गए जेल …

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live
आज एक मामले में पेटलावद कोर्ट ने झाबुआ जिले के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष व समाजसेवी सुरेशचंद्र पूरणमल उर्फ पप्पू जैन निवासी मेघनगर और मुकेश नानजी परमार को जेल भेजा हैं। यह आदेश न्यायाधीश संजीव कटारे ने दिया है। उन पर यह आरोप है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर पहुंचने वाले खाद्यान्न में उन्होंने प्रबंधक ओर केंद्र प्रभारी के साथ मिलकर बड़ी हेराफेरी की थी।
क्या था मामला-
मीडिया सेल प्रभारी सुरेश जामोद ने बताया कल 4 सितम्बर शुक्रवार को खाद्य विभाग सहित पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा पेटलावद के वेयर हाऊसिंग एवं लॉजिस्टिक कारपोरेशन का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। इस टीम में तहसीलदार जितेंद्र अलावा, नायाब तहसीलदार भुपेंद्र भिड़े, राजस्व निरीक्षक रविन्द्र नरगेश सहित पुलिस अधिकारी मौजूद थे। यहां अधिकारियों को जांच में कई खामियां मिली। जिसमे चावल, नमक और गेंहू की बोरियो में बड़ा अंतर मिला। जांच के दौरान रिकार्ड में गेहूं 1226 क्विंटल व चावल 766.87 क्विंटल अधिक होना एवं नमक 43 क्विंटल कम होना पाया गया। शाखा प्रबंधक व केंद्र प्रभारी के द्वारा जांच के समय अन्य दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए गए। मौके पर रिकॉर्ड अनुसार से गेहूं गेहूं और चावल अधिक पाया गया इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि शाखा प्रबंधक मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन केंद्र प्रभारी नागरिक आपूर्ति निगम पेटलावद परिवहन करता के द्वारा मिलीभगत से आवंटन अनुसार अध्ययन उचित मूल्य दुकानों पर नहीं पहुंचाया गया और बड़ा हेरफेर करने का काम चला रहे थे। इसी के साथ मौके पर स्टॉक रजिस्टर का संधारण भी अपूर्ण पाया गया। सभी मत का संधारण अपूर्ण होकर अलग-अलग दिनांक तक होना पाया गया। इस प्रकार मुकेश परमार हाउसिंग कारपोरेशन केंद्र प्रभारी नागरिक आपूर्ति निगम पेटलावद परिवहनकर्ता सुरेशचन्द्र जेन द्वारा किया गया उक्त कृत्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के कनिका 11 (3) का स्पष्ट उल्लंघन था जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/17 के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। फरियादी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आनंद चंगोड द्वारा शाखा प्रबंधक मुकेश परमार, केंद्र प्रभारी किशोर मेहता ओर परिवहन कर्ता सुरेशचन्द्र जेन के खिलाफ भादवी 1860 की धारा 409 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। इस बड़ी कार्यवाहीं में पेटलावद के एसडीएम शिशिर गेमावत की अहम भूमिका रहीं। शनिवार को कार्यवाहीं के समय पेटलावद एसडीओपी बबीता बामनिया और थांदला एसडीओपी भी विशेष रूप से मोजुद थे।
जमानत याचिका भी की खारिज-
मामले में आज पेटलावद कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें न्यायाधीश श्री कटारे ने प्रबंधक व परिवहनकर्ता को जेल भेजने के आदेश दे दिए। इन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी जमानत याचिका भी दायर की थी, लेकिन न्यायाधीश श्री कटारे ने जमानत याचिका भी खारिज कर दी। अभियोजन की ओर से पैरवी सुरेश जामोद ने की।