45 लाख से बना तालाब में 45 दिन भी नहीं ठहरा पानी

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2 झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर के लिए भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
विकासखंड की ग्राम पंचायत ढाढनिया में करीब 2 वर्ष पूर्व ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं विभाग द्वारा करीबन 45 लाख की लागत से तालाब का निर्माण किया गया था। निर्माण के वक्त ग्रामीणों ने एक उम्मीद लगी हुई थी कि तालाब निर्माण के पश्चात ग्राम में मवेशियों एवं रहवासियों को भरपूर मानी उपलब्ध हो पाएगा, जिससे ग्रामीण अपने खेतों की सिंचाई कर मौसमी फसले पैदा कर आर्थिक ग्राम ऊपर उठा सकेंगे। आरईएस विभाग द्वारा निर्मित इस तालाब को का निर्माणकर्ता विभाग ने केवल कागजी खानापूर्ति ही की है और 45 लाख की लागत से बनाए गए तालाब में 45 लीटर पानी तक नहीं रुक पा रहा है। तालाब में पानी सिर्फ बारिश के दिनों में दिखाई पड़ता है और बारिश के साथ ही पानी भी तालाब से बह जाता है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ने सरकार के लाखों रूपयों को पानी स्टोरेज नाम पर पानी में ही बहा दिया गया है और नतीजा सिफर निकला। तालाब में पानी नहीं रहने के कारण अंचल के मवेशियों को पानी नहीं मिल पाता, जबकि अभी तो ठंड का मौसम ही शुरू हुआ है और गरमी के दिनों के हाल यहां से आसानी से समझा जा सकता है। इस दौरान ग्राीणों ने कहा कि दो साल पहले इस तालाब को जेसीबी मशीन से शर्मा एवं ठाकुर ने मिल कर बनाया था। ग्रामीणों कई बार जिम्मेदार विभाग को मामले से अवगत करवा चुके हैं परंतु जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं इस संबंध में ढाढनिया की सरपंच पांगलीबाई मनसुख का कहना है कि तालाब बनने के बाद अभी तक तालाब में पानी नहीं रुक पा रहा है जिससे ग्रामीणों को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जिम्मेदार बोल-
मैं अभी मीटिंग में व्यस्त हूं, मीटिंग होने के बाद चेक करवाता हूं। मामला क्या है। – चौहान, इंजीनियर