स्नान पूजा में श्वेतांबर जैन समाज ने लिया भाग

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DSCN0073झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से एमके गोयल की रिपोर्ट-
श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व के तीसरे दिन विविध धार्मिक आयोजन हुए। सुबह भक्तामर व गुरु गुण इक्कीसा का पाठ हुआ।जिनप्रतिमाओ का प्रक्षाल हुआ। इसके बाद केशर चन्दन पूजा का दौर शुरू हुआ। बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं के साथ बच्चे भी पूजा करने जिन मंदिर व महाविदेह मधुकर धाम पहुंचे। स्नात्र पूजा पढ़ाई गई।चतुर्दशी होने से कई श्राविकाओं ने पौषध व्रत किया।
चिता शरीर को चिंता आत्मा को जलाती ह
जिस प्रकार चिता की अग्नि में शरीर को जला देती है ठीक उसी तरह चिंता व्यक्ति की आत्मा को जला देती है।धर्म का शरण स्वीकार करने वाली आत्मा सभी तरह की चिंताओं से मुक्त हो जाती है।उक्त बात साध्वी श्री चारित्रकला श्रीजी ने राजेन्द्र भवन में धर्म सभा में बताई। वे अष्टान्हिका प्रवचन के तीसरे दिन श्रावक के 11 वार्षिक कर्तव्यों का वर्णन कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह दीवाली के पूर्व व्यक्ति पूरे घर की साफ़ सफाई में लग जाता है। घर की गंदगी कचरा सब बाहर कर देता है उसी तरह पर्युषण पर्व आत्म शुद्धि का अवसर देता है। आत्मा पर लिपटे कषायों के मेल को क्षय करने के लिए तप धर्म का मार्ग बताया गया है।उन्होंने कहा कि पर्युषण के अवसर पर आत्मा में रहे वैर, राग, द्वेष आदि को दूर कर आत्मा को निर्मल बनाया जा सकता है। क्षमापना कर सबसे मैत्री भाव रखकर आत्म कल्याण की ओर अग्रसर होना चाहिए। तीसरे दिन साध्वीश्री ने स्नात्र पूजन, देव द्रव्य वृद्धि, रात्रि जागरण, श्रुत ज्ञान की भक्ति आदि कर्तव्यों का वर्णन किया। प्रवचन पश्चात रमेशचन्द्र नाहर व सकलेचा परिवार की ओर से प्रभावना हुई। लकी ड्रा के लाभार्थी बसंतीलाल सालेचा परिवार था। साध्वीश्री को कल्पसूत्र व्होरा ने की बोली नीलेश मामा ने ली। रात्रि में श्रीसंघ उनके घर ढ़ोल ढमाकों के साथ गं्रथ लेकर गया।रात्रि जागरण व भक्ति की गई। दोपहर में जिन मंदिर में सजनलाल कटारिया की ओर से नवपद पूजन पढ़ाई गई। मंगलवार को हुई बिछड़ों को मिलाओ प्रतियोगिता में विनीता नाहर प्रथम रही। द्वितीय स्थान पर हंसा नाहर रही। रात्रि में हुई अंताक्षरी प्रतियोगिता में आंगी एंड ग्रुप प्रथम द्वितीय सोमी तलेरा एंड ग्रुप तृतीय वेयावच ग्रुप रहा।