सामाजिक कुरीतियां दूर करने को लेकर समाज ने तय की गाइड लाइन

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33झाबुआ लाइव के लिए कल्याणपुरा से गगन पंचाल की रिपोर्ट-
स्थानीय बाबा मकना के मंदिर प्रांगण में आदिवासी समाज ने बैठक रखी जिसमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर नई शुरुआत करने के बारे में समझाइश दी गई, बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि दहेज प्रथा को खत्म कर वर पक्ष को पचास हजार व दुल्हन पक्ष को श्रृंगार हेतु एक किलो चांदी की नेक, तड़वी-पटेल एवं भांजगाड़ी के व सभी प्रकार के नेक के लिए एक निश्चित राशि का निर्धारण किया गया और अगर अपनी मर्जी से लडक़ा लडक़ी शादी करते है तो लडक़े के पिता को लडक़ी वालों को पचास हजार की राशि देना होगी और अगर सगाई हुई लडक़ी किसी लडक़े के साथ चली गई तो नुकसानी के तौर पर दंड राशि 50 हजार रुपए लडक़े वालों को देना तय किया व अगर शादीशुदा औरत को जबरन कोई ले जाता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने हेतु सरपंच व तड़वी को आगे आना होगा तथा पीडि़त को अपने पति को सौंपने हेतु प्रयास करना होंगे, फिजुलखर्ची जैसे डीजे, शराब, अधिक वाहन ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, नोत्तरा-ममेरा भी सिर्फ नजदीकी रिश्तेदार करे आदि बातों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में श्यामा ताहेड, मालसिंग मेडा खेड़ा, भानू भूरिया, राजू डामोर, रामचंद्र भाबर, रमेश मेडा, लावनिश वसुनिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन इस दौरान मौजूद थे जिन्होंने भी आदिवासी समाज हित के निर्णय में अपनी सहमति प्रदान की।