शिक्षक का पढ़ाई के प्रति ग्रामीण बच्चों को आकर्षित करने का नया तरीका : स्कूल में अब दीवारों पर चित्र देखकर शिक्षा ले रहे बच्चे

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झाबुआ। एक शिक्षक ने अपनी शाला के कमरे को इतना आकर्षक ढंग से सजा दिया कि बच्चे इसे देख शिक्षा हासिल करने लग गए। अनेक शासकीय स्कूलों के शिक्षक भी इसे देखने आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं प्राथमिक विद्यालय भूरीमाटी की। यहां पर पदस्थ शिक्षक राजेंद्र माहेश्वरी ने शाला के एक कमरे की दीवारों पर बहुत सारी जानकारी पेंट करवा दी। सारी जानकारियां प्राथमिक कक्षाओं के कोर्स से संबंधित है। स्कूल में 53 बच्चे पढ़ते हैं। माहेश्वरी ने बताया बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जागृत करने के उद्देश्य से यह कार्य करवाया है। माहेश्वरी ने बताया अध्यापन के दौरान जब वे बच्चों को वर्णमाला का चार्ट दिखाकर पढ़ाते थे तो बच्चों को आसानी से याद हो जाता था। तब मुझे विचार आया कि यदि कमरे की दीवारों पर ही सारी बेसिक चीजें पेंट करवा दी जाए तो बच्चे देख-देखकर ही बहुत कुछ सीख जाएंगे। तब से ही मैंने पेंटर की तलाश शुरू कर दी। इसमें 3 साल गुजर गए। पिछले हफ्ते उज्जैन से आए पेंटर से मुलाकात हुई। माहेश्वरी ने उसे अपनी योजना बताई तो वह तैयार हो गया। 4 दिन में 2 पेंटर ने मिलकर पूरे कमरे की सूरत ही बदल दी।
दीवारों पर गिनती-पहाड़े-वर्णमाला के साथ गणितीय चिन्ह
कमरे के बाहर की दीवार पर कक्षा दूसरी की अंग्रेजी की पुस्तक के मुख्य पृष्ठ पर छपे चित्र को बनाया गया है। हंसते मुस्कुराते कैरेक्टर देखकर स्कूल आने वाले बच्चों के चेहरे खिल जाते हैं। बड़े-बड़े शासकीय कार्यालय पर आदिवासी विकास विभाग का बदला हुआ नाम जनजातीय विकास विभाग लिखा नहीं मिलेगा, लेकिन इस स्कूल की दीवार पर यह मिलेगा। दीवारों पर गिनती, पहाड़े, हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला के साथ गणितीय चिन्ह बनाए गए। टोपीवाला बंदरए शेर चूहे की कहानी के साथ खरगोश-कछुए की दोस्ती की कहानी का भी चित्रण हुआ है। झंडा ऊंचा रहे हमारा, जिसने सूरज चांद बनायाए मछली जल की रानी है जैसी कविताएं लिखवाए गई है। चारों तरफ दिशाओं के नाम लिखे गए हैं ताकि बच्चों को दिशा ज्ञान भी हो सके। राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम भी लिखवाए हैं। चंद्रशेखर आजाद का चित्र बनाकर उनकी जन्म व पुण्यतिथि अंकित की गई हैं। बच्चों को मात्रा ज्ञान आसानी से हो इसके लिए शब्द लिखकर उनके नीचे ग्रीन बोर्ड बनवाया गया। इस पर बच्चे लिखकर अभ्यास कर मात्रा ज्ञान हासिल कर रहे हैं।