भगोरिये में गूंजे ढोल-मांदल

- Advertisement -

झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौर की रिपोर्ट आदिवासी लोकसंस्कृति पर्व भगोरिया आखरी भगोरिया तारखेडी में लगा जो अपने पूरे चरम पर रहा आखिरी भगोरिया होने के कारण बड़ी संख्या में आदिवासी मेले का आन्नद लेने पहुॅचे छोटे-छोटे बच्चों झुले चकरी का आन्नद लिया युवक युवतियां चटक रंगों के लुगडे में समुह में युवतियां आनंद नजर आइ। व्यापारियों के अनुसार हार गुजरे महल कुल्फियों, नारियल की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई।
ढोल मांदल के साथ निकली गेर
कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह तारखेड़ी के आवास के बाहर करीब दो दर्जन ढोल मांदल लेकर आए ग्रामीणों की टोलियां और आदिवासी युवकों ने जमकर नृत्य किया उस के बाद प्रति वर्ष परंपरा अनुसार जिला पंचायत सदस्य मालू डामर और प्रदीपसिंह तारखेड़ी ने जम कर ढोल मांदल बजाते हुए गैर निकाली। इस अवसर पर तारखेड़ी संरपच तेजु सिंगाड़, मोकमपुरा संरपच छीतू मेड़ा, तारखेडी उपसंरपच कठोरसिंह, मोकमपुरा उपसरपंच कालू मचार समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।