प्रधानमंत्री आवास योजना के 14 हितग्राहियों पर अमानत में ख्यानत के मामले में एफआईआर

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झाबुआ लाइव——————————–

प्रधानमंत्री आवास योजना अब ग्रामीणों को हंसा कर रुलाने लगी है। झाबुआ पुलिस कोतवाली पर दो ग्राम पंचायतों के 14 हितग्राहियों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटित राशि का निजी उपयोग कर अमानत में ख्यानत के आरोप में एफआईआर झाबुआ कोतवलाी में दर्ज की गई है।

चंद्रभानसिंह भदौरिया@ चीफ एडिटर

झाबुआ पुलिस कोतवाली में झाबुआ जनपद क्षेत्र के अधीन आने वाली ग्राम वडलिया, रंगपुरा एवं डूंगरालालू के कुल 14 हितग्राहियों के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटित राशि के निजी उपयोग कर अमानत में ख्यानत करने के आरोप में आयपीसी की धारा 406/34 के तहत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। इस संबंध में झाबुआ कोतवाली के प्रभारी नवीन पाठक ने बताया कि पहली एफआईआर ग्राम वडलिया के हितग्राही वसना पिता लिम्बा मंडोड, कचरू पिता वेलजी मंडोड, पुनसिंह पिता सोमला डामोर, कालू पिता कमलसिंह बामनिया, केकडिया पिता जवला डामोर एवं रामू पिता रूपा मावी के खिलाफ हुई है, जिन पर प्रति आरोपी प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त 40-40 हजार रुपए अपने खाते में जमा करवाकर उसका निजी उपयोग करने एवं प्रधानमंत्री आवास न बनाने का ओराप है, जबकि दूसरी एफआईआर ग्राम रंगपुरा के लीला पति फतिया, पींजू पिता दीता, कमल पिता नूरा, मंगा पिता देवचंद्र एवं वसना पिता गुलाब के खिलाफ हुई है। इस एफआईआर में डूंगरालालू गांव के रूखा पिता कसना, किना पिता मानसिंह एवं जमना पति मांगीलाल को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। यह तीनों ग्राम के 14 हितग्राही झाबुआ जनपद पंचायत के तहत आने वाले हितग्राही थे। इस संबंध में झाबुआ कोतवाली के प्रभारी नवीन पाठक ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बडिय़ों को लेकर झाबुआ जनपद एवं झाबुआ जिला पंचायत की ओर से लगातार प्रतिवेदन प्राप्त हो रहे थे, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया है तथा अब जिला पंचायत से उनका विस्तृत जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। उस प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस अब मामले की जांच करेगी। उधर एफआईआर में नामजद किए गए हितग्राहियों ने इसे अपने प्रति अन्याय बताया तथा कहा कि सरकार डेढ़ लाख रुपया ग्रामीण क्षेत्रों में आवासी योजना के लिए देती है, वह भी टुकड़ों-टुकड़ों में। मकान निर्माण के लिए सामग्री महंगी है, और सरकार द्वारा दी गई शुरुआती किश्तों में कुछ नहीं होता। हम बाजार से रुपया लेकर धीरे-धीरे मकान बना रहे हैं, लेकिन एफआईआर दर्ज कर सरकार हमें डरा रही है। डूंगरालालू ग्राम के किना ने ‘झाबुआ लाइव’ को बताया कि एफआईआर करके सरकार हमें डरा रही है, जबकि हम अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार धीरे-धीरे निर्माण कर रहे हैं। वहीं एक अन्य हितग्राही वडलिया गांव के वसना पिता लिम्बा डिंडोर का मकान निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। उसके अनुसार उसकी बहन शादी आ गई थी और इसलिए निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पाया, जबकि निर्माण सामग्री वह खरीदकर ले आया है। वसना कहता है कि बहन की शादी भी जरूरी थी इसलिए पहले हमने वह की, अब आवास निर्माण करेंगे। वडलिया गांव के कचरू पिता वेलजी मंडोर कहते हैं कि सरकार से हमें 40 हजार रुपए 11 जनवरी 2017 को मिले थे, मजदूरी महंगी हो चुकी है इसलिए वह 40 हजार रुपए से सिर्फ गड्ढे ही खोद पाए। अब अगली किश्त मिलेगी तो बनाना शुरू करेंगे। अब सरकार हमें एफआईआर दर्ज कर डरा रही है तो हम क्या करें? बनाने के लिए ओर राशि कहां से लगाए…?
इस संबंध में झाबुआ जनपद पंचायत सीईओ पीसी वर्मा कहते हैं कि दरअसल इन हितग्राहियों ने सरकारी राशि में अमानत में ख्यानत की है, और शासन की योजना को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।