नोट एक्सचेंज को लेकर बैंक के बाहर सुबहे से खड़े कतार में नहीं आया नंबर, काउंटर बढ़ाने की मांग

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झाबुआ लाइव के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा की रिपोर्ट-
3प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद 500 और 1000 के नोटों को बदलाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा पर भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग सुबह 8 बजे से ही लाइन में लग रहे हैं। भीड़ के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भीड़ का आलम यह है कि सुबह 10 बजे लाइन में लगे लोगों का नंबर शाम 4.30 तक भी नहीं आ पाया है। परेशान लोग प्रधानमंत्री के इस फैसले का तो समर्थन कर रहे है किंतु इसके क्रियान्वयन को लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी है। कई किसान जेब में पैसा होते हुए भी बीज-खाद और सिंचाई के साधन नहीं खरीद पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि इस तरह से वे रोज लाइन में लग कर नोट ही बदलवाते रहे तो वे खेत में व अपने जरूरतों के काम को कब करेंगे? कई किसानों को तो आशंका है कि वे इस फैसले के चलते गेहूं की बुवाई ही अपने खेतों में नहीं कर पाएंगे।
काउंटर की संख्या बढ़ाए-
लाइन में लगे लोगों का कहना है कि भारी भीड़ को देखते हुए काउंटरों की संख्या बढ़ाई जाना चाहिए। साथ ही जमा करने, आहरण और एक्सचेंज के लिए पृथक-पृथक काउंटर किए जाने चाहिए। बैंक को चाहिए कि वे नोट एक्सचेंज काउंटर की संख्या में इजाफा कर लोगों को हो रही परेशानी से निजात दिलवाए। वहीं खवासा में बैंक के बाहर 5 बजे तक लाइनों में सैकड़ों लोग चलन से बाहर हो चुके 500 व 1000 के नोट को बदलवाने की जद्दोजहद में खड़े देखे गए।
जागरूकता की कमी-
कई लोग जागरूकता की कमी के चलते भी परेशान हो रहे हैं। बैंक के ऐसे ग्राहक जिनके पास बैंक खाता है वे भी 4000 रुपए नकद लेकर लाइन में लगे हैं। ऐसे में उनके एक दिन में 4000 रूपए ही एक्सचेंज हो रहे हैं। जबकि ये ही बैंक खातेदार अपने खाते में राशि जमा कर उसी दिन आहरण करे तो उन्हें एक साथ दस हजार रुपए या एक सप्ताह में अधिकतम 20 हजार रूपए मिल सकते है । कई लोग मजबूर और अज्ञान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें 500 के बदले 400 और 1000 के बदले 800 रूपए पकड़ा रहे हैं, अब अशिक्षित, मजबूर ग्रामीण आखिर करे तो क्या करें, उसकी समझ में नहीं आ रहा है।