नोटबंदी के बाद अब हिमपात ने किसानों की बढ़ाई मुश्किलें

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
तापमान में उतार चढ़ाव का असर आमजनों के साथ पर दिखलाई पड़ रहा है। तापमान के घटने से फसले चोपट हो गई है जिससे किसानों को फिर नई मुसीबत से जूझना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि पहले से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं ऐसे में फसले भी पूरी तरह से तबाह हो गई है। अंचल में टमाटर उत्पादक भाव नही मिलने से परेशान तो थे ही ऐसे में उनकी परेशानी प्रकृति ने बड़ा दी। टमाटर, कपास-गेहूं के साथ गिलकी-गराडू जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों के माथे चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है कि उन्होंने फसलों के लिए कर्जा अब कैसा चूकता होगा।
प्रकृति की मार से बेहाल है किसान- उस बार टमाटर की हालत देखी जा सकती है। शीत लहर के बाद जो टमाटर दिख रहा है उससे लग रहा है उत्पादन में इस बार किसानो को रोना ही पड़ेगा। टमाटर के साथ कपास गराडू और अन्य फसले पूरी तरह बर्बाद हो गई है। ऐसे में टकटकी बांधे किसान केवल सरकार की और देख रहा है।