तूफानसिंह के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा, अवैध संबंधों को लेकर हुई थी तूफान की हत्या

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दिनेश वर्मा, झाबुआ
झाबुआ की अपर सत्र न्यायालय ने विगत वर्ष 6 जुलाई को हुए तूफानसिंह हत्याकांड में तूफान की पत्नी रेमुबाई उसके आशिक मथुर एवं गोरचंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश अशवाक एहमद खान ने आजीवन कारावास के साथ-साथ तीनों आरोपियों पर पृथक-पृथक पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी अभिरोपित किया है। इस फैसले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक जेएस डावर ने बताया कि झाबुआ में अम्बिका टेंट हाउस में कार्य करने वाला तूफानसिंह अपने घर जा रहा था, तभी रात्रि 9 बजे उसकी मोटर साइकिल रोककर हत्या कर दी गई। यह हत्या लालूडूंगरा गांव में भूरू भगत के खेत के पास की गई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि मृतक तूफान की पत्नी रेमूबाई के मथुर से अवैध संबंध थे जिसमें तूफान बाधक बन रहा था। इसलिए उसे रास्ते से हटाने के लिए मथुर ने गोरचंद को अपने साथ लिया और इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने धारा 302, 120बी/34 आयपीसी के मामले को अपर सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था जहां अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए तर्क के समर्थन में दिए गए सबूतों को सही मानते हुए अपर सत्र न्यायाधीश यह फैसला आज 19 जुलाई को सुनाया है।