इधर CM की प्रतिष्ठा दांव पर उधर प्रभारी मंत्री ने इलाके से मुंह फेरा

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झाबुआ – अलीराजपुर Live डेस्क की रिपोर्ट ।

सभी जानते है कि आगामी नगरीय निकाय चुनावों बीजेपी ओर खासकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान के लिए कितने अहम है खुद सुहास भगत से लेकर नंदू भैया तक झाबुआ / अलीराजपुर कार्तिकेयन दोरा कर चुके है मगर एक शख्स ऐसा है जिस पर बड़ी जिम्मेदारी है परंतु वह चैन से भोपाल मे बैठा है ओर उस कहावत को चरितार्थ कर रहा है कि ” जब रोम जल रहा था तब नीरो चैन की बंसी बजा रहा था” । राजनीति के जानकार मानते है कि अभी तक तो दो से तीन बार प्रभारी मंत्री को कम से कम दो दो दिन के दोरै पर झाबुआ / अलीराजपुर आ जाना चाहिए था ओर जमावट कर लेनी चाहिए थी मगर मंत्रीजी को शायद झाबुआ / अलीराजपुर जिले से मोह नहीं है नतीजा वह ओपचारिकता निभाते है महीनों मे आते है ओर एक दिन मे दोनों जिले के दोरै निपटाकर निकल लेते है ओर एक दिन मे ही वे राजनीतिक ; प्रशाशनिक ओर आम लोगों से मुलाकात का काम भी पूरा कर लेते है अब आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि वह कितना वक्त दे पाते होंगे । इसलिए शायद भाजपाई ओर आम आदमी ने भी प्रभारी मंत्री नामक पद को अदना सा गैर जिम्मेदारी भरा पद मानना शुरु कर दिया है यह सब तब हो रहा है जब खुद सीएम अपने मंत्रीयो को कह चुके है कि वह अपने अपने प्रभार के जिलों मे बार बार जाये ओर आम लोगों ओर कार्यकर्ताओ से संवाद करें ओर वहाँ रातें बिताऐ मगर मंत्री भी सीएम के आदेश को घोलकर पी गये है अब कल का ही उदाहरण लीजिए .. cm के साथ प्रभारी मंत्री आने वाले थे आते ओर साथ ही उड लेते उससे कार्यकर्ताओ के बीच मची आपसी खींचतान कैसै निपटती ? शायद प्रभारी मंत्री की उदासीनता का ही नतीजा है कि पेटलावद से लेकर राणापुर मे जुतमपैजार की नोबत है ओर अब तो थादंला मे भी मामला गडबड हो रहा है ओर जोबट मे भी सब कुछ ठीक नहीं है ।