अणुव्रत और अहिंसा एक ही सिक्के के दो पहलू : पृथ्वीराज जसोल

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
अणुव्रत और अहिंसा एक ही सिक्के के दो पहलू है। गांधी की अहिंसा और तुलसी का अणुव्रत मानव जीवन के लिए कल्याणकारी है। देश को आजाद करवाने की अहिंसा का महत्वपूर्ण योगदान रहा तो देश के नैतिक और चारित्रिक उन्नयन में तुलसी के अणुव्रत के योगदान को भूलाया नहीं जा सकता जहां गांधी ने पानी, बिजली को बचाने के लिए प्रेरणा दी वहीं तुलसी इन सबके लिए संयमपूर्वक उपयोग के लिए संस्कार दिए। उक्त विचार अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतिम दिन अहिंसा दिवस गांधी जयंती के अवसर पर डालिम विहार में आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री पृथ्वी राज जसोल ने धर्मसभा में व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक निर्मला भूरिया ने कहा कि आज आवश्यकता है गंाधी के आदर्शों को आत्मसात करने की। अणुव्रत और गांधी के विचार अलग नहीं है, बाह्य स्वच्छता के साथ आंतरिक स्वच्छता पर भी ध्यान दें, साथ ही नगर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए वातावरण को अच्छा बनाए रखे। मुनिश्री चैतन्य कुमार अमन ने कहा कि शांति का आधार है अध्यात्म और अहिंसा ही अध्यात्म है। अहिंसा में अचिन्त्य शक्ति है। भगवान महावीर ने अहिंसा को प्रमुखता दी, जब व्यक्ति के जीवन में अहिंसा आचरण का विषय नहीं बनेगी तब तक व्यक्ति, समाज, राष्ट्र का कल्याण नहीं होगा, गांधी, तुलसी, महाप्रज्ञ ने अहिंसा को केंद्र बिंदु में रखा। इस अवसर पर मुनि अतुल कुमार,नप अध्यक्ष संगीता विनोद भंडारी, स्वच्छता निरीक्षक आनंद विजय सिंह राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष बसंतीलाल पटवा, तेरापंथी सभा अध्यक्ष झमकलाल भंडारी, महासभा कोलकाता के सदस्य दिलीप भंडारी ने स्वागत अभिनंदन किया। कार्यक्रम में अतिथियों एवं पार्षदों को विनोद भंडारी, झमकलाल भंडारी, बसंतीलाल पटवा, दीपक मुणत, हरखचंद्र भंडारी, सङ्क्षहनलाल भंडारी, सुजानमल भांगु, प्रियांश भंडारी, राकेश मांडोत आदि ने साहित्य एवं अणुव्रत भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में समाजसेवी मुकुट चौहान, हेमंत भट्ट, पार्षद राजेश यादव, राहुल शुक्ला, कीर्तिश चाणोदिया, अनिल वैरागी, सफाई दरोगा रामलाल धानुक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन अणुव्रत समिति के मंत्री सचिन मुणत और आभार तेरापंथी सभा के मंत्री लोकेश भंडारी ने माना।