100 आराधक मिलकर करेंगे 9 लाख महामंत्र के जाप

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रितेश गुप्ता, थांदला

 जैन धर्म आराधना प्रधान धर्म है। इसका मूल आराध्य मंत्र नवकार महामंत्र है जिसे सर्व पाप नाशक मुक्ति कारक मंत्र भी कहा जाता है। स्थानीय पौधध भवन पर विराजित जैनाचार्य पूज्य उमेशमुनिजी की कृपापात्र प्रवर्तक देव जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती महासती पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा – 4 की पावन प्रेरणा से दिनांक 7 अक्टोबर 2021 से 17 अक्टोबर तक महामंत्र के जाप प्रारंभ हो गए है। जानकारी देते हुए श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रदीप गादिया, प्रवक्ता पवन नाहर, महिला मंडल अध्यक्ष सुधा शाहजी सचिव अनुपमा श्रीश्रीमाल ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नव लाख महामंत्र के जाप प्रारम्भ हो गए है जिनमें 100 से अधिक श्रावक – श्राविकाएं 17 अक्टोबर तक नित्य एक घण्टे महामंत्र नवकार की माला गिनेंगे। इस धार्मिक आयोजन के सभी आराधकों को सुरेश कुमार गेंदालाल कांकरिया परिवार द्वारा प्रभावना प्रदान की जाएगी।