हाईकोर्ट पहुंचा झाबुआ ” कैथोलिक चर्च ” का मामला; दो हफ्ते में जवाब देगी सरकार

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चंद्रभान सिंह भदौरिया @ झाबुआ

झाबुआ जिला मुख्यालय स्थित कैथौलिक चर्च के पुनः निर्माण का मामला अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया है .. कैथौलिक चर्च ने तहसीलदार झाबुआ द्वारा मामले में पुनः स्थगन देने के मामले को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि तहसीलदार को इस प्रकार के स्थगन देने का अधिकार ही नहीं है लेकिन कुछ संगठनों की शिकायत को आधार बनाकर बिना अधिकार चर्च के पुनः निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी.. याचिका क्रमांक WP 20944 की बहस के दौरान कैथौलिक मिशन झाबुआ की ओर से अधिवक्ता आकाश राठी ने तर्क रखकर तत्काल राहत की मांग की .. इस पर शासन के अधिवक्ता भुवन देशमुख ने मामले में सरकार ओर प्रशाशन का पक्ष देने के लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा है जो हाईकोर्ट इंदौर की सिंगल बैंच के जज विजय कुमार शुक्ला की ओर से दे दिया गया है .. गौरतलब है कि झाबुआ कैथोलिक मिशन परिसर में स्थित चर्च के पुनः निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद एंव‌ आदिवासी समाज सुधारक संघ लगातार यह कहते हुए आपत्ती लेते आये है कि आदिवासी अंचल में 5 वी अनुसूचित क्षैत्र है ओर यहां इस तरह के चर्च का निर्माण विधि विरुद्ध है साथ ही आरोप यह भी है कि कैथौलिक मिशन को यह जमीन शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्य के लिए दी गयी थी .. जबकि कैथोलिक डायोसिस का कहना है कि उन्हें यह जमीन राजा के द्वारा दान में दी गयी थी और 1927 में चर्च आजादी के पहले ही बन चुका था तथा अभी उसका जीर्णोद्धार हो रहा है ना कि निर्माण.. साथ ही डायोसिस का कहना है कि झाबुआ अधिसूचित संरक्षित क्षैत्र नहीं है इसलिए सभी के धार्मिक स्थलों के निर्माण पर कोई प्रतिबंध नहीं है ।