सरस्वती जयंती के अवसर पर बच्चों के बौद्धिक विकास हेतु “अभिव्यक्ति” कार्यक्रम का आयोजन

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पीयुष चन्देल, अलीराजपुर
आलीराजपुर के स्थानीय असाड़ा राजपूत समाज के तत्वावधान में श्री सर्वेश्वर महादेव मंदिर परिसर में सरस्वती जयंती (बसन्त पंचमी) के अवसर पर बच्चों के बौद्धिक विकास हेतु अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समाज अध्यक्ष राजेश राठौर ने बताया कि वर्तमान में बच्चों को संस्कार के साथ साहित्यिक व बौद्धिक विकास की महती आवश्यकता हैं। जिससे बच्चे सर्वांगीण विकास कर जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित कर सके। असाडा राजपूत समाज की बाल प्रतिभाओं ने चुनिंदा विषयों पर सटीक एवं उच्च भाषा शैली के विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।समाज के मीडिया संयोजक उमेश वर्मा कछवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभागी अक्ष गेहलोत एवं कसक तंवर ने वृद्धाश्रम की आवश्यकता ही क्यों यदि संस्कारी संतान हैं तो अन्यथा जो बोयेगा वही पायेगा के संदर्भ में भाव विभोर प्रस्तुती दी। रूद्राक्षी चन्देल ने असाडा राजपूत समाज की प्रगति व विकास के संदर्भ में उत्कृष्ट विचार व्यक्त किये। काशी पंवार ने हिंदी भाषा के महत्व को प्रतिपादित किया। वर्णिका भाटी ने भारत का वैभव एवं राजपूत के संबंध में ओजस्वी उद्बोधन दिया। जयवर्धन भाटी ऑनलाईन क्लासेस के संबंध में अनुभवी शैली में अभिव्यक्ति दी। रिद्धि सोलंकी ने भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डाला। आध्यांश (सुपुत्र मोनिका भाटी) ने शिक्षक का व्यक्तित्व निर्माण में महत्व के संबंध में उद्बोधन दिया। अविशी चौहान ने रानी पद्मावती का आत्मसम्मान के बारे में उद्गार दिये। मितांश तंवर ने महाराणा प्रताप के जीवन के परिप्रेक्ष्य में बताया तो प्रयांग चौहान ने महाराणा प्रताप के स्वांग के रूप में स्वयं को प्रदर्शित किया। अनाया परिहार ने स्वच्छ भारत के संबंध प्रतीकात्मक शैली में अभिव्यक्ति दी। शिवांश सोलंकी ने सायबर क्राइम के बारे में विचार व्यक्त किये। केशवी वाघेला ने सोशियल मीडिया के प्रभावी उद्बोधन दिया। दायित्व तंवर ने रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का वर्णन किया।
कार्यक्रम में अरुणसिंह गेहलोत, योगेशसिंह सोलंकी एवं रिंकेशसिंह तंवर ने प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन राहुलसिंह परिहार एवं पीयूष सिंह चंदेल ने किया। कार्यक्रम में समाज के पूर्व अध्यक्ष सहित सैकड़ों समाजजन ने सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में समाज के पदाधिकारी मानेंद्रसिंह गेहलोत, योगेशसिंह सोलंकी, उमेश वर्मा कछवाहा, ज्ञानेंद्रसिंह चावड़ा, अंजिशसिंह वाघेला, विश्वजीत सिंह तंवर, सतीशसिंह भाटी, विरेंद्रसिंह वाघेला, संजयसिंह वाघेला, दीपकसिंह गेहलोत, दीपकसिंह सिसोदिया का सराहनीय योगदान रहा।