बस स्टैंड पर बेतरतीब खड़े वाहन दे रहे दुर्घटनाओं को न्योता, जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस बेपरवाह

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ कस्बे की यह विडंबना है कि जिले का एक केंद्र बिंदु होने के बावजूद यहां बस स्टैंड नहीं है । वर्षो पूर्व बाजार में वाहन सड़क पर खड़े रहते थे तो आज जो नया क्षेत्र बस स्टैंड में तब्दील हो गया है।  वहां भी वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं यहां छोटे चार पहिया तथा तीन पहिया वाहन कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं जिस कारण यातायात जाम होता रहता है यहां पर यातायात पुलिस की ड्यूटी नहीं होने के कारण यातायात नियंत्रण करने में परेशानी आ रही है । दुर्घटना का भय बना रहता है। हमारे संवाददाता के अनुसार पूर्व में झाबुआ जिले तथा अब अलीराजपुर जिले का कस्बा आम्बुआ जो की यातायात की नजर से विशेष महत्व रखता है यहां से जिला तथा गुजरात के दाहोद छोटा उदयपुर बड़ौदा अहमदाबाद आदि स्थानों के लिए आम्बुआ से होकर गुजरना पड़ता है इतना महत्वपूर्ण कस्बा वर्षों से एक अदद बस स्टैंड के लिए तरस रहा है प्रतिदिन दर्जनों यात्री बसें तथा सैकड़ों मालवाहक वाहनों का आवागमन होता है वर्षों पूर्व कस्बे के अंदर सड़क पर ही बस स्टैंड का संचालन होता था यहां पर राज्य परिवहन निगम का टिकट घर तथा यात्री प्रतीक्षालय भी था कस्बे में बढ़ते अतिक्रमण तथा निजी वाहनों को जहां-तहां खड़े करने तथा पालतू जानवरों विशेषकर बकरियों के सड़क पर आ जाने से होने वाली दुर्घटनाओं में पशुपालकों द्वारा यात्री वाहनों के चालक परिचालकों के साथ गाली गलौज करने तथा मारपीट करने एवं बकरों मुर्गों के मर जाने या घायल हो जाने पर मनमाना दण्ड वसूलने से परेशान चालक परिचालको ने कस्बे से बाहर वाहन खड़े करना शुरू कर दिया गया जो कि आज पुनः अस्थाई सड़क पर बस स्टैंड का रूप ले चुका है यहां पर भी अब स्थान छोटा पड़ने लगा है। इस बस स्टैंड पर विगत कुछ दिनों से छोटे चार पहिया (जीपे आदि) तथा तीन पहिया (ऑटो रिक्शा) आदि वाहनो की भरमार हो गई बगैर किसी वैध दस्तावेजों के यातायात विभाग की अनदेखी के कारण यह वाहन यहीं कहीं भी सड़क पर किसी के घर के सामने किसी की दुकान के सामने खड़े कर दिए जाते हैं तथा यदि किसी ने कुछ कहा तो झगड़ा करने लगते हैं कभी-कभी सवारियों को लेकर आपस में भी झगड़ा करते देखे जा सकते हैं ।

यातायात तथा रोड टैक्स भरने वाली बसों के आगे वाहन खड़ा कर जबरन सवारियां भरकर यात्री वाहनों के आगे आगे अलीराजपुर आजाद नगर तथा जोबट क्षमता से अधिक यात्री ढोते देखें जा सकते हैं ऐसा लगता है मानो इन्हें आर.टी.ओ ने कोई बड़ा परमिट दे दिया हो। इन बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण दिन में कई बार जाम की तथा तू तू मैं मैं की स्थिति बन जाती है यहां पर यातायात जवानों की ड्यूटी नहीं होने के कारण इन पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है । नागरिकों ने सुरक्षा समिति शांति समिति की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को बस स्टैंड पर जवानों की ड्यूटी लगाने की मांग की गई। मगर यहां स्थानीय थाने पर पहले से ही कर्मचारियों की कमी के कारण मांग पूरी नहीं हो रही है नागरिकों की मांग है की यातायात विभाग बस स्टैंड पर यातायात पुलिस जवानों की व्यवस्था करें ताकि यातायात नियंत्रण हो सके तथा भविष्य में किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।