तपस्वियों के लिए 15 बग्घी में निकली विशाल ऐतिहासिक भव्य शोभायात्रा

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झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतलिया की रिपोर्ट-
रविवार का दिन पारा जैन समाज में ऐतिहासिक रूप में याद किया जाएगा। लोक संत, पुण्य सम्राट, शासन सम्राट जैसी अनेकों उपाधियों से विभूषित आचार्य देवेश श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी की सुशिष्या साध्वी अविचल द्रष्टा श्रीजी आदिठाणा- 7 की निश्रा में पारा में तपस्याओं का एक नया ही रिकार्ड बन गया और इसके बाद निकली भव्यातिभव्य शोभायात्रा ने तो मानो गुरुदेव की निश्रा में हुई वर्ष 2014 में हुई दीक्षा प्रतिष्ठा महोत्सव की यादें ताजा कर दी। 37 सिद्धि तप के तपस्वियों को बग्घियों, 7 मासक्षमण एवं 21 अ_ाई तप के तपस्वियों को सजे संवरे ट्रैक्टर में बैठा कर निकली शोभायात्रा में आदिनाथ दादा, गुरुदेव जयंत सेन सुरिजी तथा तपस्वियों के गगनभेदी जयकारे लग रहे थे।
संवत्सरी पर्व पर क्षमा मांगते किया प्रतिक्रमण
शनिवार को समाज के करीब 300 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास एवं अन्य तपस्याएं की। शाम को हुए प्रतिक्रमण मे दिलीप कोठारी परिवार द्वारा श्रीसंघ से सर्वप्रथम क्षमा मांगने की बोली ली गई। रविवार को सिद्धि तप तपस्वियों के बियासने के साथ अन्य तपस्वियों के पारणे के साथ सुबह एवं शाम के स्वामीवत्सल्य का लाभ जैन मित्र मंडल द्वारा लिया गया। साथ ही मंडल द्वारा सिद्धि तप के तपस्वियों के बियासने के पूर्व चरण अंगूठे के प्रक्षाल का लाभ भी लिया गया।
माहौल हुआ धर्मामय
सोमवार को अल सुबह से ही नगर में धर्ममय माहौल बन गया था। सभी तपस्वी देव दर्शन के बाद अपनी-अपनी बग्घी में सवार हुए और इसके बाद करीब 2500 से अधिक श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति के साथ के भव्य शोभायात्रा जिन मंदिर प्रांगण से शुरू हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे 3 अश्वों पर सवार लाभार्थी परिवार के सदस्य धर्मध्वजा के साथ चल रहे थे। इसके बाद प्रथम बग्घी में भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा एवं दूसरी बग्घी में दादा गुरुदेव श्रीमद राजेन्द्र सुरिश्वर जी एवं आचार्य देवेश श्रीमद जयंत सेन सूरीजी के चित्र के साथ लाभार्थी परिवार के सदस्य सवार थे। इसके बाद आचार्य देवेश जयंत सेन सूरीश्वर जी की प्रतिमा लिए विशिष्ठ सवारी जिस पर शोभायात्रा के दौरान समाजजनों द्वारा गहुली की गई चल रही थी। साध्वी अविचल द्रष्टा श्रीजी एवं अन्य साध्वी भगवंत के बाद सभी तपस्वियों की बग्घी एवं अन्य वाहन शोभायात्रा में चार चांद लगा रहे थे।
शोभायात्रा के राजेन्द्र सूरी चौक पहुंचने पर सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने स्तवनों पर नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया। इसके बाद शोभायात्रा मंदिर प्रांगण पहुंची तो हर तपस्वी का जयकारे एवं नृत्य के साथ स्वागत किया गया। शोभायात्रा जिन मंदिर प्रांगण में पहुंच कर एक विशाल धर्म सभा मे बदल गई। यहां त्रिस्तुतिक संघ के मंत्री मनोहर लाल पुराणिक ने सर्वप्रथम गुरुवंदन करवाया।साध्वी अविचल दृष्टाश्रीजी ने मंगलाचरण श्रवण करवाकर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक निर्मला भूरिया ने मप्र त्रिस्तुतिक संघ अध्यक्ष सुरेश तांतेड़ए मप्र परिषद अध्यक्ष रमेश धाड़ीवालए उपाध्यक्ष मोहित तांतेड़, महिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा भंडारी, मुकेश नाकोड़ा, मनोहर भंडारी, मोहनखेड़ा ट्रस्टी मांगीलाल पावेचा, मंडी डायरेक्टर ओंकार डामोर, वरिष्ठ भाजपा नेता सोमसिंह सोलंकी तथा बहार से अन्य कई श्रीसंघ तथा परिषद के पदाधिकारियों के साथ हजारो लोगों की उपस्थिति में गुरुदेव राजेन्द्रसूरी जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया साथ ही पदाधिकारियों ने गुरुदेव को पुष्प अर्पित किए। स्वागत भाषण देते मनोहर लाल छाजेड़ ने गुरुदेव जयंत सेन सूरीश्वर जी को याद करते साध्वी भगवंतए तपस्वियोंए श्रीसंघ एवं परिषद के राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक स्तर के सभी पदाधिकारियों, बाहर से पधारे हजारो श्रावक-श्राविकाओं का अभिनंदन करते उनके प्रति पारा श्रीसंघ की ओर से कृतज्ञता प्रकट की। सभी पदाधिकारियों ने अपने भाषण में सर्वप्रथम गुरुदेव को याद करते कहा कि 1986 के गुरुदेव के पारा चातुर्मास के बाद वास्तव में गुरुदेव के ही शब्द की पारा अपारा हो गया है हमेशा की तरह आज भी चरितार्थ हो गया है। गुरुदेव ने पारा को चातुर्मास, भगवान एवं दादा गुरुदेव की प्रष्ठिा कई साध्वी भगवंतों के चातुर्मास के बाद अपने मुखरविंद से ही साध्वी अविचल दृष्टाश्रीजी आदि थाना 7 का चातुर्मास दिया है और पारा ने भी वो गुरुभक्ति दिखाई है जो पूरी दुनिया में अन्य कहीं भी देखने को नही मिलती। विधायक निर्मला भूरिया ने भी गुरुदेव को याद करते कहा कि गुरुदेव किसी धर्म विशेष के नहीं अपितु सर्वव्यापी थे। आज गुरुदेव हमारे साथ भौतिक रूप से चाहे ना हो पर उनकी असीम कृपा हम पर हमेशा रहेगी। स्वागत गीत राजेश तथा आदर्श नागौरी ने गाया। धर्म सभा मे तपस्वियों के तिलक द्वारा बहुमान का लाभ नगीनलाल, मनोहरलाल, अशोक कुमार छाजेड़ परिवार, माला से बहुमान का लाभ अभय कुमार, मनोज गोखरू, मनोज जैन परिवार इंदौर, श्रीफल द्वारा बहुमान का लाभ अजित कुमार कलावती गांधी परिवार लुणावाड़ा तथा अभिनंदन पत्र देने का लाभ अतुल माणक लाल भंडारी परिवार ने लिया। इसके साथ ही पूजन की थाली कटोरी देने का लाभ भंवरलाल छाजेड़ परिवार तथा मेहंदी का लाभ प्रकाश चंद्र, राजेन्द्र रांका परिवार द्वारा लिया गया। तपस्वियों को दिए गए अभिनंदन पत्र का वाचन सुश्रावक सुरेश भंडारी ने किया। तपस्वियों की ओर से श्रीसंघ महामंत्री राजेन्द्र कोठारी ने तप का महत्व बताया। परिषद की ओर से आशीष आर कोठारी ने तप अनुमोदनार्थ अपने विचार रखे।इसके बाद साध्वी अविचल द्रष्टा श्रीजी ने अपने प्रवचन में सभी तपस्वियों की सुख साता पूछते कहा कि पारा नगर के प्रत्येक श्रावक-श्राविका की गुरु भक्ति हमारे ह्रदय में बसी है ओर इसी गुरु भक्ति के कारण पारा नगर का नाम पूरे हिंदुस्तान में रोशन हुआ है। गुरुदेव के मुख से ही हमारे पारा चातुर्मास की अंतिम घोषणा से पारावासी धन्य हो गए ओर यही राष्ट्रसंत की कृपा है। तप धर्म पर प्रवचन देते आपने कहा कि मन को करो राइट तप करके जीवन को करो व्हाइट, मानव भव मिला है राइटए चार गति की मारनी है फाइट, तो ही सिद्ध शिला में चमकेगी लाइट।।धर्म सभा के बाद तपस्वी परिवारों की ओर से सकल श्रीसंघ के साथ पधारे अतिथियों एवं श्रीसंघों का तपस्वी परिवार की ओर से सुबह और शाम का स्वामीवत्सल्य आयोजित किया गया।