डोल ग्यारस पर्व पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब, उड़ेगा रंग गुलाल

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विजय मालवी, खट्टाली 

कार्यक्रम की शुरुआत कल सुबह 5:30 बजे मंगला आरती से होगी पश्च्यात प्रभात फेरी निकाली जाएगी। ग्राम खट्टाली में मनाया जाने वाले डोल ग्यारस पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है 20 सितंबर गुरुवार को ग्राम खट्टाली के चारभुजा मंदिर प्रांगण में आस्था का सैलाब हिलोरे लेगा इस हेतु चारभुजा महोत्सव समिति ने सभी तैयारियों को अंतिम रुप दे दिया है कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 5:30 बजे से हो जाएगी । ग्राम खट्टाली की पहचान बन चुका डोल ग्यारस पर्व इस बार 20 सितंबर गुरुवार को मनाया जा रहा है 8:30 बजे श्रंगार आरती के पश्चात क्षेत्र से निकलने वाली पदयात्रा निकलने वाली पद यात्रा का ग्राम खट्टाली में प्रवेश शुरू हो जाता है ।तथा ग्राम की सड़कों पर आस्था का सेलाब पृगट होनै लगता है।दोपहर के ठीक पुर्व ध्वजारोहण होता है। ध्वजारोहण के पश्चात राजभोग आरती होती है,जिसमे भगवान को फलहारी छप्पन भोग लगाया जाता है। इस वक्त तक तो मानो गांव की सभी सडको पर भक्तो की भीड दिखाई देने लगती है।
दोपहर 3.30 बजे उत्थापन आरती होती है,और आरती के ठीक पश्चात “आलकी के पालकी.. जय कन्हैया लाल की के जयघोष के साथ  शुरू होता हे चल समारोह।जिसमे हाथी,घोडे,बग्घी पर भगवान चारभुजा नाथ निकलते हे,जलक्रिडा करने।
जुलुस के अग्रभाग मे भजनो की सुन्दर प्रस्तुती देते बेन्ड,नृत्य करते अश्व के पिछे होति है श्रध्दालुओ का सेलाब , इस माहोल मे उडती रंग बिरंगी गुलाल से सारा माहोल उस ऐतिहासिक दृश्य को उपस्थित कर देते है,जिसका लाभ लेने के लिए ना जाने कहाँ..कहाँ से लोग यहाँ पहुँचते है। ग्राम के प्रमुख मार्गो से गुजर कर यह काँरवा हथनी किनारे पहुँचता है,जहा होता है,” भगवान का जलाभीषेक”कर भगवान को आलकि की पालकी के जय घोष के साथ नदी तट पर महा आरती का आयोजन किया जाता हे रंगीन फटाके की चमक बैंड की धुन श्रदालु का मन मोह लेती हे आरती के बाद पुनः चल समारोह चरभुजा मंदिर पहुँचता हे जहाँ पर महाआरती व महाप्रसादी का आयोजन किया जाता है ।रात्रि में शयन आरती के पश्च्यात केशरिया दूध की प्रसादी तथा देर रात्रि तक भजन का आयोजन किया जाता हे ।