झाबुआ लाइव-वायरल टेस्ट : फर्जी है सरपंचों व पंचों का कार्यकाल बढ़ाने वाला आदेश

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झाबुआ लाइव डेस्क

आज सुबह से सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मप्र शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का एक प्रेस विज्ञिप्त का पत्र घूम रहा है, जिसके में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मप्र के आर्थिक हालात के परीक्षण के पश्चात मप्र की कैबिनेट में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 94 की उपधारा 3 (ख) के तहत ग्राम पंचायतों के वर्तमान सरपंचों एवं पंचों का कार्यकाल आगामी पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाता है। इस पत्र को उपसचिव के हस्ताक्षर से जारी होना बताया गया है। झाबुआ-अलीराजपुर लाइव के कई पाठकों ने हमसे संपर्क कर इस आदेश की सच्चाई जाननी चाही, जिसके बाद हमने इसका परीक्षण किया। पत्र देखते ही प्रथम दृष्टया ही स्पष्ट हो गया है कि पत्र फर्जी है। क्योंकि प्रेस विज्ञप्ति कभी भी उप सचिव जारी नहीं करते हैं। दूसरा क्रमांक 16/3/मुख्यमंत्री के साथ ही विज्ञप्ति शुरु हुई है जबकि शासकीय पत्र इस तरह से नहीं लिखे जाते हैं। तीसरा पत्र में लिखा गया है कि प्रदेश कैबिनेट यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जबकि हालात यह है कि मध्यप्रदेश में अभी मुख्यमंत्री के अलावा कोई मंत्री ही नहीं है तो मंत्री की बैठक कैसे होगी? इसके अलावा हमने मप्र जनसंपर्क, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर ऐसे आदेश तलाश किए लेकिन हमें नहीं मिला। अंत में हमने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से ही संपर्क कर पत्र की हैसियत जानी, उन्होंने भी स्पष्ट कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है यह फर्जी प्रेस रिलीज है।

अत : झाबुआ-अलीराजपुर लाइव की पड़ताल में यह पत्र फर्जी घोषित किया जाता है।

 

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