कोरोना महामारी के दौर में किसानों पर रहम करो सरकार, डीएपी खाद की बढाई कीमत को वापस लो- विधायक पटेल

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 फिरोज खान @अलीराजपुर
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में किसान इन दिनों कोरोना महामारी के बुरे दौर से गुजर रहे है ऐसे में उन्हें सरकार से राहत और मदद की उम्मीद है। लेकिन ऐसी गंभीर परिस्थिति के बावजूद भी सरकार ने डीएपी खाद के मूल्य में बेतहाशा मूल्यवृद्धि कर किसानों की कमर ही तोड दी है। मै इस मूल्यवृद्धि का पुरजो विरोध करता हुं। ये बात विधायक मुकेश पटेल ने बुधवार को सीएम को लिखे पत्र में कही। उन्होने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार को किसानों पर रहम कर हरसंभव मदद करना चाहिए। लेकिन सरकार ने डीएपी खाद के दामों में अप्रत्याशित मूल्यवृद्धि कर किसानों के साथ बेहद अन्याय किया है। सरकार को डीएपी खाद की बढाई गई कीमत को तत्काल वापस लेना चाहिए।
सीएम को लिखे पत्र में विधायक ने बताया कि अलीराजपुर जिले में लगभग 95 फीसदी किसान है जो वर्तमान में इस कोरोना महामारी में पहले से ही गंभीर आर्थिक परेषानियों से जूझ रहे हैै और ऐसी स्थिति में आपकी सरकार के द्वारा किसानो पर और ज्यादा आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। जो कि अमानवीय है। विगत दो वर्षो से कोरोना महामारी के चलते किसानों को अधिक दामो में खाद, बीज, कृषि उपकरण, डीजल एवं पेट्राल खरीदना पड़ रहा है। उसके बावजूद किसानो को उनकी मेहनत से पैदा की गई फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है। आपका नारा था कृषि को लाभ का धंधा बनाकर किसानो की आय दुगुनी करेगें। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में आपके उद्देश्य और भावनाओं के विपरीत किसानों की आय दोगुनी रफतार से कम हो गई है। जबकि केन्द्र और राज्य सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध होने का दावा करती है फिर ऐसी स्थिति में डीएपी खाद की कीमत सप्ताहभर में 1200 रू. से बढ़ाकर 1900 रू यानी  रू. 700 रू. की मूल्य वृद्धि कर किसानो पर आर्थिक बोझ क्यों डाला जा रहा है। आपकी यह नीति घोर किसान विरोधी है। मैं आपकी सरकार की इस किसान विरोधी नीति का पूरजोर विराध करते हुए तत्काल डीएपी खाद के मूल्य में 58 फीसदी की बढ़ोतरी को किसानो के हित में वापस लिए जाने की मांग करता हूॅं। ताकि किसानो पर कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में आर्थिक बोझ ना पड़े और किसान अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधन जुटाकर बेहतर फसल उपार्जन कर अपने परिवार की आजीविका चला सके।