आज़ाद जन्मतिथि विवाद हल करने दिया पत्र व आलेख

- Advertisement -

रितेश गुप्ता, थांदला

अमरशहीद चंद्रशेखर आज़ाद की जन्मतिथि मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में अलग-अलग तिथियों व माह में मनाने की परंपरा को समाप्त करने के लिए साप्ताहिक “आज़ाद भूमि” के संपादक कुन्दन अरोड़ा ने उत्तरप्रदेश के नगरीय विकास मंत्री सुरेशजी खन्ना के गांधीनगर आगमन पर मुलाकात कर एक पत्र व आलेख की प्रतियां सौपी तथा इसके समाधान की मांग करते हुए बताया कि अमर शहीद चंद्रशेखर “आज़ाद” की जन्मभूमि तो राज्य व केंद्र सरकार ने हल कर भाभरा को आजाद नगर का दर्जा प्रदान कर दिया है परन्तु उत्तरप्रदेश में आज़ाद के नाम पर गठित एक समिति द्वारा “आज़ाद” की जन्मतिथि आज भी विवाद का विषय बनाकर देश के इतिहास, तथा भावीपीढ़ी को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है ।
उत्तरप्रदेश के बदरका, भोती, कानपुर, उन्नाव, चोरी-चोरा आदि स्थानों पर आज़ाद की जन्मतिथि 15 जनवरी को मनाई जा रही है । जबकि आज़ाद की जन्मतिथि 23 जुलाई है इस बात के साक्ष्य उप्र, मध्यप्रदेश राज्य सरकारो के साथ केंद्र सरकार के पास उपलब्ध है और इन साक्ष्यों के आधार पर ही भाभरा को आजाद की जन्मभूमि घोषित करते हुए आजादनगर का दर्जा प्रदान किया है । मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रतिवर्ष आज़ाद नगर में 23 जुलाई को आज़ाद मेले का आयोजन भी किया जा रहा है तो आज़ाद की जन्मतिथि उत्तरप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 15 जनवरी को कैसे मनाई जा रही है । देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों को होम करने वाले अमर शहीद का मजाक क्यो बनाया जा रहा है ?
केबिनेट मंत्री खन्नाजी ने इस संबंध में जन्मतिथि पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि वे अमर शहीद आजादजी के इतिहास व दस्तावेजो का अवलोकन करने के पस्चात उचित हल का प्रयास करेंगे । कुन्दन अरोड़ा की ओर से मंत्रीजी को अवलोकन हेतु प्रमाणिक दस्तावेज भी उनके कार्यालय को उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है ।