स्कूल से छुट्टी होते ही दौड़ लगा देते हैं बच्चे, दुर्घटना की आशंका बनी रहती है

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ बस स्टैंड के समीप वर्षों पूर्व से संचालित बाल प्राथमिक  तथा कन्या प्राथमिक स्कूल का मुख्य द्वार जिधर है उधर प्रमुख सड़क मार्ग होने तथा यातायात अधिक होने से दुर्घटना का भय बना रहता है। वर्तमान में कन्या संस्था का मुख्य द्वार किसी अन्य दिशा में करने की जरूरत है?

आम्बुआ कस्बे के नए बस स्टैंड क्षेत्र तथा सामुदायिक भवन के पीछे वर्ष 1955 से संचालित बालक प्राथमिक विद्यालय जिसमें विगत कुछ वर्षों से कन्या प्राथमिक विद्यालय भी संचालित हो रहा है। यहां बच्चों की संख्या अधिक हो जाने से भीड़ बढ़ रही है। स्कूल की छुट्टी होती है तब यह नौनिहाल छात्र-छात्राएं भेड़ बकरियों की तरह संस्था के मुख्य द्वार से बाहर की ओर भागते हैं। मुख्य द्वार से प्रमुख सड़क मार्ग की दूरी मात्र 10-15 कदम है यह मार्ग चूंकि बस स्टैंड को जोड़ता है इस कारण यात्री वाहन दिनभर आते जाते हैं। बस स्टैंड से आगे कस्बे का प्रमुख बाजार एवं रहवासी क्षेत्र होने के कारण इस मार्ग पर चार पहिया तथा दो पहिया वाहनों के आवागमन का दबाव इतना अधिक है कि प्रति मिनट से भी कम समय में वाहनों का आवागमन लगा रहता है। दोपहिया वाहनों की रफ्तार आंधी तूफान की तरह होने से बच्चे दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। या तो यहां छुट्टी के समय शिक्षक शिक्षिकाएं मुख्य द्वार के पास उपस्थित रहकर बच्चों को क्रम से छोड़ें ताकि बच्चे दौड़ न लगा सके या फिर प्रशासन को ध्यान देते हुए संस्था के मुख्य द्वार को बदला जाना चाहिए।