विधायक पटेल ने सीएम को पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगो के उचित निराकरण की मांग की

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फिरोज खान, ब्यूरो चीफ अलीराजपुर

जिले की आलीराजपुर और जोबट कृषि उपज मंडी के कर्मचारियों ने कृषि विपणन संचालनालय में शामिल करने और वेतन भत्ते व पेंशन का उत्तरदायित्व शासन द्वारा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन विधायक मुकेश पटेल को सौंपा। जिस पर विधायक पटेल ने सीएम को पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगो के उचित निराकरण की मांग की।
सौंपे गए ज्ञापन में मंडी कर्मचारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री द्वारा मंडी और बोर्ड कर्मचारियों का आमेलन संचालनालय कृषि विपणन में करने का आश्वासन और सहमति दी गई थी। लेकिन मंडी बोर्ड संचालक मंडल ने इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी। जिसके कारण मंडी व बोर्ड कर्मचारी 25 सितंबर से अनिश्चितकालीन हडताल कर संयुक्त मोर्चा मप्र मंडी बोर्ड के बैनर तल आंदोलन कर रहे है।
मंडी कर्मचारियों ने बताया कि हमारी मुख्य मांग मंडी व बोर्ड कर्मचारियों को सचालनालय कृषि विपणन में शामिल करने और वेतन भत्ते सुनिश्चित करने के संबंध में लिखित में देने की मांग शासन से की गई है। उन्होने बताया कि विगत 48 वर्षो से मंडी बोर्ड या शासन द्वारा किसी प्रकार का अनुदान या आर्थिक सहयोग नहीं दिया गया है। मंडी बोर्ड द्वारा इतने वर्षो में राज्य शासन को विभिन्न योजनाओं में एवं बेतन भत्ते के लिए राशि 1248 करोड से अधिक की राशि उधार के रूप में शासन को दी गई। जो आज तक वापस नहीं की गई। मंडी बोर्ड व मंडिया अर्जित राशियों से व्यवस्था और संचालन कर रही थी। राज्य शासन द्वारा लागू माडल एक्ट और भारत सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से मंडी समिति को प्रांगण तक सीमित करने, मंडी प्रांगण के बाहर नियमन व्यवस्था बंद करने और किसी भी प्रकार के क्रय विक्रय पर मंडी शुल्क नहीं लिए जाने एवं पूर्णत: छूट प्रदान करने से व्यवस्था एकदम ध्वस्त हो गई।
भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर कहा जा रहा है कि मंडिया सुरक्षित रहेगी, मंडियों को सुरक्षित रखने और कर्मचारियो वेतन भत्तों और पेंशन का दायित्व राज्य शासन का है। जिसके लिए मोर्चे द्वारा कर्मचारियों का वेतन, पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए संचालनालय कृषि विपणन में शामिल करने की मांग की गई है। इसमें शामिल करने पर शासन स्तर भी आर्थिक व्यय भार अधिक नहीं होगा। मंडी समितियों एवं बोर्ड की सभी प्रकार की राशियों को शासन स्तर पर लेकर वार्षिक बजट अनुसार कोषालय के माध्यम से राशियों को जमा करना और वेतन भत्तो व पेंशन भुगतान की व्यवस्था करने में कोई वैधानिक कठिनाई नहीं होगी।
उन्होने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 190 मंडियो में आय और आवक शून्य हो गई है। जिसके कारण कर्मचारियों का वेतन भुगतान होने में परेशानी हो रही है। जिसके कारण प्रदेश में चार पांच कर्मचारियों का आकस्मिक निधन भी हो गया है और अन्य कर्मचारी अपने व परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित और निराशाजनक स्थिति में है। यदि सरकार हमारी वेतन भत्तो एवं पेंशन की व्यवस्था नहीं करते है तो 2 अक्टूबर से क्रमिक भूख हडताल करते हुए अनिश्चितकालीन सत्याग्रह और आगामी दिनों में आमरण अनशन करने के लिए कर्मचारी विवश होंगे। जिसकी जवाबदारी शासन और मंडी बोर्ड प्रशासन की रहेगी।
इस दौरान मंडी सचिव भगतसिंह डावर, कुसुम जैन, दिनेश गुप्ता, सुरेश चौहान, राजेंद्र शर्मा, जितेंद्र वाणी, काली जमरा, अनिल भूरिया, विजय चौहान, कुवरसिंह जमरा, विक्रम जमरा सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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