एक स्टाम्पडेम के कारण तीन नदियों ठंड में ही सूखी, पेयजल समस्याएं ही विकराल

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ बोरझाड़ के मध्य बहने वाली हथनी नदी इन दिनों रेगिस्तान बनी हुई है। कहीं-कहीं डाबरो में थोड़ा थोड़ा पानी भरा है नदी की इस दुर्दशा के पीछे पता लगाने पर हमारे प्रतिनिधि को जानकारी मिली। उसके पीछे एक स्टाप डेम है जिसके कारण 3 स्टाप डेम तथा हथनी नदी सूख रही है।

आम्बुआ बोरझाड़ की विभाजन रेखा तथा जीवन रेखा भी कही जाने वाली विशालकाय नाम वाली हथनी नदी आंबुआ से लेकर खट्टाली तक अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है हथनी नदी जो की सेजावाड़ा ग्राम से निकलकर नर्मदा नदी की सहायक नदी बन कर नर्मदा में जाकर मिलती है। कहीं 12 माह जल से भरी रहने वाली यह नदी छोटा इटारा के दो स्टॉप डेम तथा आमबु में बना एक स्टाप डेम के बावजूद सूख रही है। ‌हमारे प्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान देते हुए आम्बुआ से लगभग 6-7 किलोमीटर दूर ग्राम टेमाची क्षेत्र का 8-12-18 को भ्रमण किया तो पता चला कि यहां पर नदी पर एक विशाल बांध की तरह का स्टॉप डेम बना हुआ है जिसमें भरा हुआ पानी स्टॉप डेम की विपरीत दिशा (बैंक वाटर एरिया) में लगभग 2 किलोमीटर तक भरा हुआ है टेमाची से झीरन जाने वाले मार्ग पर नदी पर बने पुल के पास से होकर विशाल जल राशि को समेटे हुए नदी लबालब भरी हुई है , जबकि तेजी से आगे छोटा इटारा तक तथा बड़ा इटारा सीमा में मुझालदा फलिया तथा बड़ा इटारा में हाबू तड़वी फलिया में तथा आम्बुआ में बना स्टाफ सूखा पड़ा है । हथनी नदी में पानी सूखने का एक बड़ा कारण हो सकता है । उसी के साथ साथ हथनी नदी की सहायक नदी फुलझरी नाले पर आगोनी ग्राम में तालाब बन जाने के कारण भी पानी की आवक होने से हथनी नदी में पानी सूख जा रहा है । यदि प्रशासनिक स्तर पर इन दोनों स्थानों से कुछ पानी की मात्रा छोड़ी जाए तो हथनी नदी में भी थोड़ा बहुत निस्तार हेतु जल उपलब्ध हो सकता है जिस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत महसूस की जा रही है।

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