वन मंडल परिक्षेत्र में बन रहे मनरेगा के तालाबों में फर्जी बिल लगाकर जिम्मेदार कर रहे भ्रष्टाचार

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हरीश राठौड़, पेटलावद
जब जंगलो की रक्षा करने वाले जंगल विभाग के रक्षक ही जंगलो की सुरक्षा के प्रति दायित्ववान न हो तो फिर जंगलों का भगवान ही मालिक है और जंगलो की सुरक्षा के लिये ओ जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए मनरेगा योजना में बनाये जा रहे तालाबों में भारी भ्रष्टाचार और गड़बडिय़ों का संदेश मिल रहा है। बात है वन मंडलाधिकार पेटलावद के ग्राम रंताबा क्षेत्र के क्रमांक 106/106 व छापरी कानाकुंआ निस्तार तालाबों में भारी भ्रष्टाचार देखने मे आया है। प्राप्त रिकार्ड के अनुसार बनाये जा रहे इन तालाबों में फर्जी बिलों का धड़ल्ले से वनमंडलाधिकारी व डब्ल्यूआरडी के अधिकारी की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा हो रहा है जो सामने आया है।
जेसीबी-ट्रैक्टरों के नाम लगाए फर्जी बिल-
वन परिक्षैत्र रताम्बा नाकी छापरी कानाकुआ निस्तार तालाब लाखों की लागत से वन विभाग द्वारा बनाये जा रहे है इन तालाबो के निर्माण से मजदूरों को भरपूर काम व मजदूरी मिलेगी परंतु निर्माण के दौरान जेसीबी मशीनो का प्रयोग एवं ट्रेक्टरो के फर्जी बिल डालकर लाखों का भ्रष्टाचार इन निस्तार तालाबों के निर्माण मे बेफोक ढंग से वन विभाग के पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है। तत्संबध में इन तालाबों के निर्माण मे व्याप्त भ्रष्टाचार को संज्ञान मे लेते हुए जिला वनमंडलाधिकारी शुक्ला से जांच की मांग की है। इसमे जिला अंत्योदय समिति के उपाध्यक्ष दौलत भावसार ने भी वन प्रशासन से मांग की है कि इसकी सूक्ष्म जांच कराकर तालाब निर्माण मे जेसीबी का प्रयोग रोका जाये व मजदूरों को काम पर लगाया जाये ताकि उनको रोजगार मिल सके।

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