नदी किनारे कव्वालों ने बांधा संमा

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झाबुआ लाईव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट

 

’’रंग रंगीले गुल बुटे है उजले चांद सितारे है ,

सहब जी इतना तो बता दो कितने रुप तुम्हारे ’’

एक शाम गरीब नवाज के नामIMG-20150602-WA0421IMG-20150602-WA0420

थांदला। उक्त कलाम  उर्स  कमेटी द्वारा आयेाजीत एक शाम गरीब नवाज के नाम मे जनाब हाफिज  द्वारा पड़ा गया।

उर्स कमेटी द्वारा ‘‘एक शाम गरिब नवाज के नाम ’’ कव्वाली  जामा मस्जिद के पीछे पद्मावति नदी के तट पर रखा गया ।

जिसमे ख्याती प्राप्त कव्वलों द्वारा कई धार्मीक,कोमी एकता  एवं देश प्रेम से ओत प्रोत कव्वालीयां पडी गई। जिसके चलते देर रात श्रोताओ का जमावडा आयोजन स्थल पर लगा रहा ।

आयोजीत कव्वाली मे  जनाब हाफिज हिफजुर्रहमान कव्वाल पार्टी कोटा राजस्थान ने मेहफिल ऐ सिमां का आगाज कर हम्दपाक शायर मुज्जफर वारसी की तेरे बंदे तेरी तौसिफ व सना करते है। मेरी हर सांस तेरा शुक्र अदा करती है।

‘‘दिन धरम की बात जब आएं, धर्म मेरा इंसानी लिखना।

जब भी मेरी कहानी लिखना, मुझको हिन्दूस्तानी लिखना।

उसके बाद शायर खलीफा झालावाड़ी की मनकबत पढ़ी । ।

तेरी शान ख्वाजाऐं ख्वाजगाहं।

तु मोईन है दिन है पयम्बरी।

थांदला के शायर हयात हाश्मी की मनकबत पढ़ी। ाायर सुफी बिस्मील नक्सबंदी की मनकबत पढ़ी, । कव्वाली के प्रोग्राम में सुफि हजरात भी पहुचे साथ ही झाबुआ रतलाम पेटलावद कुशलगढ़ बांसवाड़ा राणापुर दाहोद से कव्वाली के  शोकीन श्रोता भी बडी संख्या मे पहुचे। जिन्हाने कव्वाली का प्रोग्राम में झुम झुम कर लुफ्त उठाया और कव्वाली के हर लम्हात पर नोटो की बारीश कर नोट लुटाए गए। कव्वाली का सुबह 4 बजे तक श्रोताओं ने आनंद लिया। जश्न ऐ गरीब नवाज उर्स कमेटी कव्वाली के प्रोग्राम में मुस्लिम समाज के साथ सभी समुदाय के लोगो ने भी बढ़ चढ़ कर आनंद लिया।

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