एमपी के इतिहास का पहला फैसला, दो किशोरों को बालिग मानकर आजीवन कारावास

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झाबुआ लाइव के लिए विपुल पंचाल की रिपोर्ट-

झाबुआ की अपर सत्र न्यायालय ने आज मध्यप्रदेश के इतिहास का एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दो किशोरों को एक किशोर की हत्या के मामले मे आजीवन कारावास एंव 10 -10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है वही अवैध हथियार रखने के आरोप को सही पाते हुए तीन तीन वर्ष की सजा ओर 5 -5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है । यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एए खान ने सुनाई।

यह था पूरा मामला
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5 दिसंबर 2016 को करीब 1.45 बजे दोपहर मे छोटी गैहलर के निवासी ओर झाबुआ के कैथोलिक मिशन के छात्र 16 वर्षीय  ” राधु पिता नाना पालिया” की दो किशोरों ” बबलू पिता रोशन हरिजन (17 ) एंव राजा उफ॔ राजकुमार  ( 16 ) दोनों निवासी झाबुआ ने अयोध्या बस्ती के पास चाकूओ से गोद गोदकर गंभीर रुप से घायल कर दिया था बाद मे जिला अस्पताल मे राधु ने उपचार के दोरान दम तोड़ दिया था । पुलिस ने दोनों आरोपीयो को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया था । मृत एंव आरोपीयो के बीच लेन-देन का विवाद भी सामने आया था।

18 दिन मे चालान हुआ था – 53 दिन मे आया फैसला
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इस पूरे मामले मे पुलिस ने शानदार काम किया ओर हत्या के महज 18 दिन के भीतर ही ” बाल न्यायालय मे चालान प्रस्तुत कर दोनों आरोपीयो को ” नाबालिग ” होने के चलते बाल संप्रेषण गृह मे भेज दिया गया । चुंकि 31 दिसंबर 2015 को “जुवेनाइल जस्टिस केयर & प्रोटेक्शन आफ चिलडृन एक्ट मे यह संशोधन कर दिया गया था कि अगर 16 से 18 साल के बीच का कोई आरोपी गंभीर अपराध करता है तो उसके उम्र ओर अपराध की प्रकृति को देखते हुए उसके साथ कानूनी व्यवहार होगा । लिहाजा बाल न्यायालय ने एक पैनल से दोनों आरोपीयो का परीक्षण करवाया तो रिपोर्ट मे पाया गया कि दोनों आरोपी किशोर भले है लेकिन शारीरिक ओर मानसिक तोर पर मैच्योर है ओर अपराध की प्रकृति को जानते थे लिहाजा पूरा मामला तुरंत ही ” सत्र न्यायालय ” को भेज दिया गया जहां 06 जनवरी को मामला पहुंचा ओर कोट॔ ने रिकार्ड 53 वे मामले मे फैसला सुनाते हुए दोनों किशोरो को अपराध के समय बालिग मन मस्तिष्क का मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।

फैसला का बड़ा महत्व इसलिए
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झाबुआ के अतिरिक्त सत्र न्यायालय का यह फैसला मध्यप्रदेशका पहला फैसला है जो जुवेनाइल जस्टिस केयर & प्रोटेक्शन आफ चिलडरन एक्ट के तहत आया है एसपी महेशचंद्र जैन के अनुसार संभवतः यह देश का भी पहला मामला हो सकता है जिसमें किशोरो को गंभीर मामले मे बालिग कानूनी व्यवहार किया गया है एसपी के अनुसार इससे साफ संदेश जायेगा कि अब कोई भी सिर्फ इस आधार पर नहीं बच सकेगा कि वह नाबालिग है । ओर बदलते परिवेश मे यह जरुरी भी था । एसपी ने अभियोजन की पूरी टीम ओर कोतवाली पुलिस की बधाई दी है।

फैसले का मृतक के पिता ने किया स्वागत
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झाबुआ के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के इस फैसले का हत्या का शिकार युवक छात्र राधू के पिता नाना पालिया ने स्वागत किया है नाना ने बताया कि उसने बेटा तो खो दिया लेकिन दरिंदो को सजा मिल गयी है ओर वह भी रिकार्ड समय मे इससे उन्हें संतोष है ओर वे पुलिस ओर अभियोजन पक्ष को धन्यवाद देते है।

21 दिन मे पुलिस ने दिलवाई थी राहत
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राधु हत्याकांड ने पूरे झाबुआ को मानसिक रुप से परेशान किया था पुलिस भी राधू की हालात देखकर परेशान थी । इस मामले मे एसपी महेशचंद्र जैन ने खुद पहल कर पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत मृतक राधु के परिवार को महज 21 दिनों के भीतर 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलवाई थी ।

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