बीजेपी में संकट गहराया, थांदला नगर परिषद अध्यक्ष ने जिला अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप, निष्कासन को बताया गलत
थांदला ”झाबुआ आजतक डेस्क”: थांदला में बीजेपी में राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहे है। जिला अध्यक्ष के पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद अब नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता वसावा ने पलटवार करते हुए कहा कि जिला अध्यक्ष को उन्हें पार्टी से बाहर करने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
जिला अध्यक्ष ने एक दिन पहले नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा सुनीता पूनमचंद वसावा के साथ ही पार्षद माया सचिन सोलंकी, आशुका कमलेश लोढा, अर्जुन सोनी एवं सुनिता नटवर पंवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसी के बाद सुनीता वसावा की तरह से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि बीजेपी के संविधान में अध्यक्ष को सामान्य कार्यकर्ता को भी निष्कासित करने का अधिकार नहीं है। यह फैसला प्रदेश अध्यक्ष या प्रदेश अनुशासन समिति ही कर सकती है।
बयान में कहा गया है कि एक प्रतिनिधिमंडल इस बारे में जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें पूरे घटनाक्रम से वाकिफ कराएगा। इसके साथ ही आरोप लगाए है कि गए है कि उनके जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर किया जा रहा है जबकि विधानसभा और मंडी चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों को अच्छे पदों से नवाजा गया।
दरअसल, यह सारा बवाल उपाध्यक्ष संगीता सोनी के खिलाफ कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के बाद शुरू हुआ। आरोप है कि पार्टी की व्हीप के खिलाफ जाकर अध्यक्ष सुनीता वसावा और चार पार्षदों को ने इसके पक्ष में मतदान किया।
इसी के दो महीने बाद उन्हें पार्टी से बाहर करने का फरमान सुनाया गया। एेसे में सुनीता वसावा ने एक पुराना मुद्दा उठाया जिसमें कहा गया, ”दुबे पहले अपने अंदर झांककर देखे की उन्होंने पूर्व में जिला अध्यक्ष पद पर रहते हुए भाजपा शासित नगर पालिका के उपाध्यक्ष दौलत भावसार के खिलाफ बगावत करते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस से सांठगांठ कर भावसार को अपदस्थ करने का कार्य कर अनुशासनहीनता की थी।