ग्राम पंचायतों के पास राशि नहीं, सरकार हो चुकी कंगाल- भूरिया

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DSC04938 झाबुआ । जिला पंचायत में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने प्रदेश सरकार को अडे हाथ लेते हुए गा्रम पंचायतों में सरकार की कथित किसान विरोधी नीति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है तथा त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को मुख्यमंत्री ने पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
सरपंच को मुंह छिपाने की नौबत
पिछले साल-डेढ सालों से किसी भी गा्रम पंचायत को पैसा नही मिल रहा हैं। सरपंच गण दुखी होकर लंबित भुगतानों के लिये अपना मुंह छिपाते घुम रहे है। पंचायत के लोगों का उन्हे कोपभाजन बनना पड़ रहा है। मनरेगा में किये गये कार्यो का 30 करोड़ का भुगतान अभी तक पेंडिंग है वही मस्टर भुगतान के भी 15 करोड की राशि सरकार की ओर से नही भेजी जाने के चलते गा्रम पंचायतों के सरपंचों को काफी परेश्द्याानिया झेलेना पड़ती है । गा्रम पंचायतों में हुए 10-10 लाख के कामो को चालू कर दिया गया था किन्तु प्रदेश की सरकार ने आज तक पंचायतों एवं मजदूरों की खाते मे रकम जमा नही कर है । इन्दिरा आवास योजना के 28 करोड 20 लाख रूपये अभी तक सरकार ने भुगतान नही किये है । जिन आवासों का काम पूरा करवा लिया है उसके हितगा्रही भुगतान के लिये अकारण ही परेशान हो रहे है। निराश्रितों को मिलने वाले पेंशन की योजना जो कांग्रेस सरकार ने शुरू की है उसके तहत प्रदेश की सरकार सौतेला व्यवहार अपना रही है तथा करोडो की रकम का आज तक भुगतान नही हुआ है ।
पेयजल व्यवस्था चौपट
भूरिया ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे अंचल में पेयजल की व्यवस्था चौपट हो चुकी है। गा्रमीण अंचलों में सरपंच एवं गा्रमीणजन हैंडपंपों के खनन के लिये आवेदन लेकर यहां से वहां भटक रहे है और पीएचई विभाग पाईप नही होने का बहाना बना कर पेयजल संकट को और अधिक गहराने मे लगी हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बार बार केवल घोषणाएं कर रहे है किन्तु एक भी घोषणा धरातल पर नही दिखाई दे रही है। साजिश के तहत मुख्यमंत्री प्रदेश में पंचायती राज ही समाप्त करने को तूले हुए है। भूरिया ने गा्रमीण अंचलों में शौचालय निर्माण में हो रही धंदली का जिक्र करते हुए कहा कि सरपंचों ने अपनी गा्रम पंचायतों में उधारी मे काम तो करवा लिये किन्तु आज तक उन्हे शौचालय निर्माण के पैसों के लिये भटकना पड रहा है।
भूरिया ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के पंचायत विरोधी कदमें की कंाग्रेस पाटी एवं सभी सरपंचगण प्रखर विरोध करते है गा्रमीण लोगों को उनकी मजदुरी नही मिलने से जिले का सांस्कृतिक पर्व भगोरिया वे मना नही प रहे है । बच्चों के लिये पर्व पर मिठाई तक नही ला पारहे है । बहिन बेटियों की खुशियों पर ग्रहण लगाया जारहा है। पैसों के अभाव में गा्रमीण बच्चों की स्कूली फीस भी जमा नही करा पारहे है । मुख्यमंत्री भगोरिया मनाने आने वाले थे किन्तु कांग्रेस के डर के कारण उन्होने कार्यक्रम का निरस्त कर दिया है ।
उन्होने जिले के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि 400 से 500 से अधिक कुटीर निरस्त कर दी गई है । सरकार 70 हजार में पक्का आवास कनाने की बात करती है जो किसी भी स्थिति में व्यावहारिक एवं संभव नही है । जबकि एक यात्री प्रतीक्षालय ही 3 से 4 लाख मे निर्मित होते है । उन्होने केन्द्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आत की स्थिति मे मकान पानी रोजगार कुछ भी नही मिल रहा है । उन्होने होली पर्व को काला दिवस के रूप में मनाने की बात कहते हुए कहा कि होली के बाद पूरे जिले एवं प्रदेश में एक साथ सरपंचगण भूख हडताल पर बैठ कर भाजपा सरकार का विरोध दर्ज कराएंंगे। कलावती के कहा कि लोकसभा चुनाव में हार का बदला मुख्यमंत्री द्वारा लिया जारहा है। सरकार की जनविरोधी बातों को पूरा जिला जानचुका है और अगले सभी चुनावों में भाजपा का सुपडा साफ किया जाएगा। कलावती ने कहा कि प्रदेश के पंचायत सचिवों की हडताल चल रही है, स्वास्थ्य कर्मी एवं अध्यापक आन्दोलन कर रहे है सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की बजाय उनकी सेवायें समाप्त करने की धौस दे रही है ।यदि प्रदेश सरकार ने किसी की भी सेवाएं समाप्त की तो हम कोर्ट तक जायेगें और उन्हे उनका हक दिलवाएंगे।

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