शासन की लाखों की राशि पर की जा रही लिपापोती, नाम मात्र किया जा रहा काम, आला अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

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बुरहान बंगड़वाला, खरडू बड़ी

वैसे तो सरकार द्वारा शासकीय कामों में लाखों रुपये की राशि शासकीय भवनों को ठीक करने ओर शासकीय भवनों में टूटी फूटी चीजो को रिपेयरिंग करने के लिए सरकार द्वारा शासन -प्रशासन को लाखों रुपये दिए जाते है लेकिन ठेकेदार की मनमानी से वहाँ राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है।ऐसा ही एक वाक्या रामा ब्लॉक के गांव खरडू बड़ी के बालक सीनियर छात्रावास में देखने को मिला जहाँ पर छात्रावास के रिपेरिंग के नाम पर ठेकेदार द्वारा शासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है।

दरअसल खरडू बड़ी के बालक छात्रावास को रिपेयर करने के लिए शासन द्वारा करीब 6.18 लाख की राशि स्वीकृत की गई जिसमें छात्रावास की टूटी फूटी खिडकी ,दरवाजे ओर पुती कर कलर करने का टेंडर भोपाल की कंपनी को दिया गया था।जिसके बाद इसका काम झाबुआ के ठेकेदार ने इसको लिया जिसमे ठेकेदार द्वारा जिस चीज को रिपेयर करना है उसे सिर्फ नाम मात्र किया जा रहा है।जहाँ खिड़की के चौखटे जोकि पूरी तरह सड़ गए है उससे रिपेर किये बिना ही उसके ऊपर खिड़की लगा रहे है इसी तरह  दरवाजे के भी चौखटे जो सड़ गए है जिन्हें बिना चौखट ठीक किये डाले जा रहे है। जिसका बालको को भविष्य में कभी भी दरवाजे, खिड़की निकलने का डर रहेगा।इसके अलावा छात्रावास में कई जगह  दीवारों ओर खिड़की, दरवाजे के पास दरारे है जो कभी भी भविष्य में टूट सकती है।जिसको ठेकेदार और इंजीनियर द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।

सवाल यह है कि क्या जब शासन द्वारा इतना पैसे शासकीय कामों के लिए आता है तो कोई भी आलाधिकारियों द्वारा इन कामकाजो को देखने के लिए उचित नहीं समझते है?या फिर टेंडर किसी ठेकेदार या किसी कंपनी को दिया जाता है तो देखा नहीं जाता है?

तीन माह हो जाने के बाद भी नहीं हुआ कार्य पूर्ण

रामा ब्लॉक के ग्राम खरडू के सीनियर बालक छात्रावास में शासन द्वारा जर्जर हुए भवन को ठीक करने के लिए करीब 6.18 लाख की राशि दी गई लेकिन मार्च-अप्रैल माह में शुरू हुआ कार्य मे सिर्फ छात्रावास की दीवारों पर कलर कर दिया गया इसके बाद जो छात्रावास की पुरानी टूटी फूटी खिड़किया एवं दरवाजे थे  उन्हें निकाल दी गई लेकिन उसकी जगह अभी तक नई खिड़की नहीं लगाई गई और नहीं दरवाजे लगाए गए। जिसका निरीक्षण करने ना तो ठेकेदार आया नहीं इंजीनियर। गर्मी की छुट्टी भी खत्म होने को हे और 19 जून से स्कूले लगना प्रारंभ होना है  ऐसे में छात्रावास के बच्चों के लिए चिंता का विषय है कि छात्रावास की सभी खिड़की दरवाजे निकाल दिए गए यहां ग्रामीण क्षेत्र होने से रात्रि में बच्चों के साथ कोई भी दुर्घटना हो सकती है । इस छात्रावास में नहीं चोकीदार को रहने के लिए रूम है नहीं अधीक्षक के लिए?

10 से 12 दिनों से बंद पड़ा काम

रिपेरिंग का काम अधूरा पड़ा है और ऐसे में करीब 10 से 12 दिनो से जो खिड़की, दरवाजे का काम है वह  ठेकेदार द्वारा बंद रखा है ऐसे में अभी स्कूल और छात्रावास खुलने वाले है यदि ऐसा ही रहा तो छात्रावास के बच्चों के साथ रात्रि में किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो सकती है। जिस ओर किसी आलाधिकारियों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

छात्रावास अधीक्षक पारसिंग पचाया का कहना है कि हमारे द्वारा भी इंजीनियर ओर ठेकेदार को इन सब काम के बारे में बताया लेकिन उन्होंने बोला की अभी जितना काम हुआ है उसका पेमेंट हो जाये फिर आगे का काम किया जाएगा।

संजय जैन इंजीनियर ने बताया कि इसके बारे में हमारे द्वारा ठेकेदार को नोटिस दिया गया है।

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