पौधारोपण कार्यक्रम में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां; नेता-जनप्रतिनिधियों का मास्क से परहेज …

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live

नगर परिषद द्वारा पेटलावद में आयोजित किए गए पौधारोपण कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई दी। इस पौधारोपण में खास गौर करने वाली और आश्चर्यजनक बात यह रही कि एक भी नेता, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता ऐसा नही दिखा जो मास्क पहनकर इस कार्यक्रम में आया हो। लापरवाही की हद तो तब पार हो गई जब फोटो सेशन कराने के लिए सभी सोशल डिस्टेंसिंग रखना भूल गए।
केवल निर्मल भूरिया ही मास्क में नजर आई, उनके अलावा कोई भी मास्क पहनकर नही आया। न तो भाजपा के जिला महामंत्री, न ही मंडल अध्यक्ष और न ही अन्य किसी पदाधिकारी ने मास्क पहनने की जहमत उठाई। खुलेआम जनता के सामने जब नेताओ, जनप्रतिनिधि ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाएंगे और मास्क नही पहनेंगे तो आम जनता से फिर क्या उम्मीद की जा सकेेगी। एक ओर कोरोना की तीसरी लहर की आशंका देश में जताई जा रही है, लेकिन फिर भी खुद ही सरकार के नुमाईंदे नियमों का पालन करने में रूचि नही दिखा रहे है, यह एक बड़ा सवाल है।
पेड़-पौधों को संरक्षित करने पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है दूरः पूर्व विधायक निर्मला भूरिया
इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक ने कहा कोरोना काल में जिस प्रकार पूरी दुनिया ऑक्सीजन के लिए छटपटाती रही। अगर पेड़ पौधे को संरक्षित करते तो शायद इस समस्या से स्थाई छुटकारा मिल सकती है। हम इस धरती पर जीवित क्यों हैं, क्योंकि पौधे जीवन देने वाली ऑक्सीजन गैस प्रदान करते हैं जिसके बिना इस ग्रह पर हमारा अस्तित्व असंभव है।
सुश्री भूरिया ने आगे कहा पेड़ पर्यावरण का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। धरती पर पेड़ों और पौधों के अस्तित्व के बिना मनुष्य और जानवरों की अन्य प्रजातियों का अस्तित्व संभव नहीं है। यही कारण है कि पेड़ों को काटने की निंदा की जाती है और सरकार भी पर्यावरण सरंक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण का प्रचार-प्रसार करती है।
इस मौके पर नपं अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा ने कहा कि पौधा लगाने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वे कार्बन डाइऑक्साइड और स्वच्छ ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करते हैं। पर्यावरण में ऑक्सीजन की जरूरत सभी को पता है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने से प्रदूषित हवा से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।

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