श्री कालिका माता धाम पारा में हुआ भव्य भजन संध्या का आयोजन, देर रात तक झूमते रहे श्रद्धालु 

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पारा। नवरात्रि के शुभ अवसर पर नगर में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। वही कालिका माता धाम मंदिर बखतपुरा पारा में माता जी के जगराते एवं भजन संध्या का आयोजन रखा गया। जिसमें सर्वप्रथम श्री कालिका माता धाम मंदिर के गादीपति श्री सतीश महाराज मुख्य सेवक जितेंद्र प्रजापति एवं चेतन कहार ने माताजी के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन कर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

उसके पश्चात सभी गायक कलाकार एवं वाद्य यंत्र कलाकारों का आयोजन समिति की ओर से पुष्पमाला एवं भगवा गमछे भेंट कर स्वागत किया गया स्वागत में श्री सतीश महाराज जितेंद्र प्रजापत चेतन कहार हेमेंद्र प्रजापत महेश अजनार मल्लू भूरिया कालू सिंह चौहान राजेश बलसोरा मनीष सोनी ट्रेक्चन्द्र कहार अंकित चौहान अंकित राठोड़ लकी बैरागी रोनक विश्वकर्मा विकास अजनार रिंकू गहलोत राहुल कहार राकेश राठौड़ सुनील राठौड़ राकेश अजनार एवं महिलाओं की स्वागत हेतु शीतल जितेंद्र प्रजापत एवं सजनी मालू भूरिया इन सभी ने समिति की ओर से मंच पर उपस्थित सभी गायक कलाकार एवं वाद्य यंत्र कलाकारों का स्वागत किया गया। जिसमें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में गोल्ड मेडलिस्ट गायक कलाकार कुंवर करण सिंह चौहान मुख्य भजन गायक कलाकार थे वही जावरा की सिसोदिया सिस्टर शिवानी सिसोदिया एवं सुष्मिता सिंह सिसोदिया वही इंदौर से राधिका चौहान सहायक कलाकार में शेखर एवं म्यूजिक कलाकार में कीपैड पर दर्शन पाटीदार ढोल पर सुमित काले पेट पर चेतन चौहान एवं ढोलक पर कुलदीप मरमट ने उपस्थित माता के सभी भक्तों एवं अनुयायियों को झुमने के लिए मजबूर कर दिया। वही लहरी बना के नाम से प्रख्यात भजन गायक कलाकार मध्य प्रदेश की माटी से है और उन्होंने महाराणा प्रताप की भजन पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है उस प्रस्तुति पर सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद लिया। पहली बार आयोजित भजन संध्या का श्रोताओं ने जमकर लुफ्त लिया वही यह भजन संध्या देर रात 3:00 बजे तक अनवरत चलती रही जिसमें विभिन्न माता जी के भजनों राष्ट्रभक्ति गीत हनुमान जी एव भेरुजी के भजन आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम का संचालन अशोक बलसोरा के द्वारा किया गया एवं वहीं उपस्थित अतिथियों एवं जनमानस का आभार श्री कालिका माता धाम मंदिर बखतपुरा पारा के गादीपति सतीश अजनार के द्वारा व्यक्त किया गया।