मेघनगर की केमिकल फेक्ट्री से आम लोगो के जीवन बचाने के आंदोलन मे आज से “जयस” की इंट्री ; कांग्रेस जीवन बचाओ आंदोलन चलाकर हो चुकी है खामोश

- Advertisement -

चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के ओद्योगिक क्षेत्र ” मेघनगर” की विगत एक दशको के दोरान लगाई गयी केमिकल फेक्ट्रीया अब मेघनगर ओर उसके आसपास के लोगो के लिए अभिशाप बन गयी है आबोहवा के साथ साथ पर्यावरण ओर वन्य जीव जंतुओ का जीवन भी खतरे मे है ऐसे मे अब “जयस” आज से कैमिकल खतरे के विरुध मैदान संभालने जा रहा है आज मेघनगर के दशहरा मैदान पर जयस प्रमुख डाक्टर हीरालाल अलावा .. इलाके के लोगो ओर पर्यावरण संरक्षण के लिए हुंकार भरेगे .. इलाके के हजारो लोगो के जयस के इस आंदोलन उफ॔ पंचायत मे शामिल होने की संभावना है ।

कांग्रेस एक आंदोलन की औपचारिकता कर गंवा चुकी है मुद्दा
===========================
मेघनगर की केमिकल फेक्ट्रीयों से मानव जीवन को बढते खतरे के विरुध कांग्रेस ने विगत 4 जून 2015 को एक बडा ” जीवन बचाओ आंदोलन ” किया था जिसका संयोजक एक स्थानीय नेता उफ॔ कथित समाजसेवी था लेकिन उस आंदोलन के बाद पता नही क्या हुआ कांग्रेस ने मामले मे रहस्यमय खामोशी ओढ ली ..सम्मेलन मे कांतिलाल भूरिया से लेकर मोहन प्रकाश तक ने हुंकार भरी थी लेकिन बाद मे कांग्रेस खामोश हो गयी । सूत्र बताते है कि कांग्रेस से जुडे एक कथित समाजसेवी उफ॔ अनाज धंधेबाज ने केमिकल फेक्ट्री संचालकों से परदे के पीछे कोई डील कर ली नतीजा ” जीवन बचाने का यह आंदोलन जेब भरो आंदोलन बनकर रह गया । अब जयस ने इस मुद्दे को पकडा है ओर आज की रैली के जरिए वह इन कैमिकल फेक्ट्रीयों के खिलाफ हुंकार भरेगे।

हो रहा है यह नुकसान
=============
घातक कैमिकल फेक्ट्रीयों के चलते मेघनगर ओर उसके आसपास के एक दर्जन से अधिक गांव मे देर शाम से अल सुबह तक आम लोगो का सांस लेना दूभर है साथ ही भूमिगत जल भी घातक हो चला है इन फेक्ट्रीयों से निकलने वाले लिक्विड के चलते फसले भी खराब हो रही है ओर फेक्ट्रीयों के दोनो ओर के जंगलों पर भी घातक प्रभाव पड रहा है । मेघनगर के कई लोग अक्सर सांस लेने मे तकलीफ की शिकायते करते रहते है तो कई दाहोद ओर बडोदरा के अस्पतालों के नियमित मरीज बनकर गोलियों के सहारे जी रहे है कभी इलाके के मोर मर रहे है तो कभी गाय ..कभी नाले गंदे हो रहे है तो कभी हेंडपंपो से गंदा जल निकल रहा है ।