विधानसभा क्षेत्र 194 में रिकार्ड 86.63 फीसदी मतदान, कुल 1 लाख 99 हजार 10 मतदाताओं ने किया मताधिकार का प्रयोग

May

रितेश गुप्ता थांदला@भूपेंद्र बरमण्डलिया#मेघनगर
थांदला विधानसभा मे कुल 86.63 मतदान हुआ जिसमें से पुरुषों का मतदान प्रतिशत 87.44 फीसदी तथा महिलाओं का 85.82 प्रतिशत मदान रहा। तो वहीं कुल 1 लाख 650 पुरुष तो 98 हजार 360 महिलाओं वे किया मतदान किया। इस तरह कुल मतदान 1लाख 99 हजार 10 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2 लाख 29 हजार 716 मतदाता थे। थांदला विधानसभा क्षेत्र 194 में मतदान का कार्य शांतिपूर्वक रूप से सम्पन्न हुआ । इस बार चुनाव आयोग की सख्ती व प्रशासन की सक्रिय व्यवस्था के चलते क्षेत्र में यही भी किसी प्रकार की विवाद की स्थिति निर्मित नही हुई।
क्षेत्र के लगभग हर बूथों पर मतदाता सुबह निर्धारित समय 8 बजे पूर्व से ही पहुचना शुरू हो गए थे ।

थांदला के बिच क्र .76 पर मतदान कुछ देर से तकरिबन 8.34 पर प्रारंभ हो पाया जिसका तकनिकी कारण बताया गया | तो मेघनगर के बुथ क्र. 271 पर भी मतदान देरी से शुरु हुआ|

इस बार मतदाताओ में मतदान के प्रति विशेष रुचि देखने को मिली । निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिकाधिक मतदान करवाये जाने की पहल के चलते शासन-प्रशासन, सामाजिक संस्थओं, मीडियाकर्मियों, के अलावा राजनीतिक दलों द्वारा भी आम मतदाताओ से शत प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को लेकर अपील जारी की गई थी जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र में हर बूथों पर मतदान का प्रतिशत अच्छा रहा ।
परंतु टोकन देकर लम्बी कतारे बनाने मे चुनाव आयोग असफल हो गया| साथ ही आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को चुनाव आयोग ने इस बार बुथो पर नियुक्त किया पर कुछ ग्रामीण अंचल की कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ड्युटी स्थान ओर अपने मतदान कैंद्रो की दुरी की वजह से मतदाता कैसे करे इस पर विचार मे ही मतदान से वंचित रह गई|ग्यात हो इनके बेलेट पेपर वोटींग पर चुनाव आयोग ने विचार नही किया|

अंचल मे मतदान दिवस पर बुथो के आसपास चुनावी त्योहार की तरह माहौल रहा | अंचल के बुथो के आसपास मतदाताओ एवं पार्टी कार्यकर्ताओं का ताता लगा रहा जबकि थांदला नगर के इमली गणेश चौराहे पर दिन भर इसी तरह मतदाताओ व पार्टी समर्थको का जमावड़ा लगा रहा सभी प्रतिद्वन्द्वी प्रत्याशीयो की स्थीति जानने हेतु एक दुसरे से आकलन व तर्क वितर्क मे जुटे रहै यही क्रम देर शाम तक बना रहा|

ये रहै विशेष क्षण

104 वर्षीय गैंदालालजी शाहजी ने अपने पोतो साहेल व दिपेश के साथ बुथ क्र 72 पर आकर मतदान किया श्री शाहजी आजादी के बाद से प्रत्येक लोकतंत्र के पर्व मतदान मे सम्मिलित हुए व मतदान करते आ रहे है|

 नगर के दो युवा विरेन्द्र एवं विनोद थांदला से भुवासा तरिबन 150 किमी मतदान करने पहुचे ये देने भाई मतदान के प्रति जागरुकता दिखाते हुए अपना व्यवसाय बंद करके 113 खाचरोद विधानसभा पहुच व मतदान किया जहा के ये मुल निवासी है |

 थांदला मे निवास करने वाले उमेश चौधरी व प्रभा चौधरी जो कि अब बांसवाडा मे वर्तमान मे निवास कर रहै है थांदला वोटर लिस्ट मे नाम होने से सिर्फ मतदान के उद्देश्य से थांदला आए व मतदान किया

सुशीला देवी चौहान ने 85 वर्ष की उम्र मे अपने पुत्र के साथ बुझ क्र 76 पर मतदान किया|

नगर से ज्यादा ग्रामिणो ने मतदान मे अधिक रुची दिखाई|

दिव्यांग कैंद्र 282 फुटतालाब पर हुई 91.67 % मतदान

 ग्राम छोटीपावागोई बुथ क्र 193 दिव्यांग कानु मैडा ने परिजनो की मदद से पहुच कर किया मतदान|

 ग्राम आम्बपाडा निवासी हवला मचार एवं देवला मचार कोटा से बाईक लेकर मतदान करने पंहुचे |

भाजपा के बागी ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला

वैसे 2013 में क्षेत्र से 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे तो इस बार भी भाजपा, कांग्रेस, जयस, आप, बीएमपी, निर्दलीय व भाजपा के बागी सहित 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है परन्तु त्रिकोणीय मुकाबले में मुख्य रूप से कांग्रेस से वीरसिंह भूरिया, भाजपा से कलसिंह भाभर व भाजपा के दिलीप कटारा के मध्य ही संघर्ष है । मतदान पूर्व तीनो ने “हम किसी से नही कम” की तर्ज पर क्षेत्र में जमकर शक्ति प्रदर्शन किया था । तीनो ने अपनी-अपनी रैलियों व सभाओं में हजारो की भीड़ का प्रदर्शन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया ।

तीनो उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद

विधानसभा क्षेत्र थांदला-मेघनगर के 2 लाख 29 हजार मतदाताओ में से 1 लाख 99 हजार 10 मतदाताओ ने 28 नवम्बर को अपना मत देकर क्षेत्र के त्रिकोणीय संघर्ष वाले तीनो प्रत्याशियों के भाग्य को ईवीएम में कैद कर दिया है । जिसका फैसला 11 नवम्बर की मतगणना से ही साफ होगा कि उन्होंने अपने प्रतिनिधित्व के लिए इस बार किसे चुना है ।

महिलाओ ने लिया मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा

इस बार हर पोलिंग बूथ पर महिलाओ में मतदान के प्रति काफी रुचि दिखी व बढ़ चढ़कर भाग लिया । अनेक मतदान केंद्रों पर महिलाओ की लंबी लम्बी कतारे देखी गई । धूप में भी महिलाओ ने लाइन में खड़े रहकर अपने नम्बर आने का इंतजार किया । अधिकांश बूथों पर शासन-प्रशासन के वे दावे खोखले साबित हुए जहा धूप से बचाव के लिए टेंट, बैठने के लिए कुर्सिये व पीने के पानी की व्यवस्था के दावे किए गए थे । वर्द्धजनो व दिव्यांग मतदाताओ ने भी मतदान केंद्रों पर पहुचकर अपने मत का उपयोग किया । दिव्यांग मतदाता कहि ट्राइसिकल पर आए तो कही परिजन वाहन की व्यवस्था कर उन्हें मतदान करने लेकर आए ।