संत व साध्वी मंडल के सानिध्य में आठ दिवसीय विशिष्ठ आराधनाएं 24 अगस्त से हुई प्रारंभ

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थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती सुशिष्यश्री चंद्रेशमुनिजी, सुयशमुनिजी ठाणा 2 स्थानीय पौषध भवन पर व साध्वीश्री निखिलशीलाजी,  दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा 4 स्थानीय दौलत भवन पर चातुर्मास हेतु विराजित हैं। संत व साध्वी मंडल के सानिध्य में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व  बुधवार से प्रारम्भ हुए।प्रतिदिन पौषध भवन पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है, श्रावक -श्रविकाओं द्वारा पर्व की विशिष्ट आराधना की जा रही है, आराधक उत्साहपूर्वक आराधना में रम गए है।

प्रातः राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना, 08.30 बजे से श्री अंतगड़दसा सूत्र का वांचन थांदला गौरव श्री सुयश मुनिजी द्बारा किया जा रहा है। वांचन क़े पश्चात श्री चंद्रेशमुनिजी व साध्वी मण्डल क़े व्याख्यान हो रहे है।

दोपहर में ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी व गुरु गुणगान आदि विविध आराधनाएं हो रही हैं। जिसमें श्रावक, श्राविकाएं व बच्चें उत्साहपूर्वक अपनी अपनी अनुकूलता अनुसार आराधना कर रहे हैं।

सामूहिक तेले तप की आराधना

पर्व क़े दौरान प्रथम दिन बड़ी संख्या में आराधकों ने सामूहिक उपवास की आराधना की। वही 24 अगस्त से सामूहिक तेले (तीन उपवास) की तप आराधना प्रारम्भ हुई जिसका समापन 26 अगस्त को होगा।26 अगस्त को पक्खी पर्व क़े दिन कई आराधक उपवास आदि आराधना करेंगे। तेला तप आराधकों व समस्त तप आराधकों क़े सामूहिक पारणे शनिवार को स्थानीय महावीर भवन पर होंगे।पारणे करवाने का लाभ महेशचंद्र चम्पालालजी व्होरा परिवार ने लिया है।

आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की व्याख्यान प्रभावना क़े प्रथम दिन बुधवार को राजलबाई कनकमल जी गादिया परिवार व गुरुवार को भंसाली परिवार द्वारा प्रभावना वितरित की गई।

प्रतिदिन दोपहर में कल्पसूत्र का वांचन व धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है।शाम को श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर एवं श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन (महिला स्थानक) पर हो रहा है।पर्युषण महापर्व को लेकर समाजजनों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है।

यहाँ तपस्याओं का दौर भी चल रहा है गुरुवार को धर्मसभा में श्री चंद्रेशमुनिजी क़े मुखारविन्द से कु. तनीषा छाजेड़ ने 15 उपवास 

शाश्वत लुक्कड़ ने 11 उपवास, मेघा बाठिया , महावीर श्रीमाल व सुनीता श्रीश्रीमाल ने 5 -5 उपवास, अंजल शाहजी ने चार उपवास व कई आराधकों ने विविध तप क़े प्रत्याख्यान ग्रहण किये। बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओ ने बेला दो उपवास के प्रत्याख्यान लिए।

संचालन श्री संघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया।