थांदला। जय जयकार – दीक्षार्थी की जय जयकार, ये दीक्षार्थी कहा चले – पापाचार मिटाने को जैसे गगन भेदी नारों के मध्य जावरा निवासी मुम्बई के विनय कुमारजी चपड़ोद का विशाल वरघोड़ा उनके ससुराल सुंदरलाल भंसाली के निवास से निकला जो नगर के मुख्य मार्गों में बैंडबाजों के साथ मुमुक्षु द्वारा वर्षीदान करता हुआ स्थानीय पौषध भवन पहुँचा और धर्म सभा में परिवर्तित हो गया इस दौरान उनका जगह जगह बहुमान भी किया गया। पौषध भवन पर विराजित प्रवर्तक श्री जिनेद्रमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती महासतियों की पावन निश्रा में मुमुक्षु की बहुमान सभा का आयोजन हुआ।
