भावांतर योजना किसानों के साथ छलावा, किसानों से धोखाधड़ी बंद करने को लेकर सौंपा कांग्रेस ने ज्ञापन

- Advertisement -

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
मप्र सरकार द्वारा किसानों की उपज को खरीदने हेतु लागू की गई भावान्तर योजना प्रदेश के किसानों के साथ केवल छलावा साबित हो रही है। इस योजना अतंर्गत पूरे प्रदेश में किसान लूट रहा है इसमे केवल और केवल किसानों का ही नुकसान हो रहा है। पूर्व पार्षद अक्षय भट्ट , युवा नेता जसवंतसिंह भाबर, ब्लाक उपाध्यक्ष राकेश पाठक जिला अजा विभाग अध्यक्ष जितेन्द्र धामन, आईटीसेल संयोजक हरीश पंचाल ने मुख्यमंत्री को लिखित पत्र मे उक्त आरोपों द्वारा शासन द्वारा भावान्तर योजना पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि योजना लागू करने से ही शासन की मंशा स्पष्ट हो गई थी कि शासन केवल किसानों के लिए घडिय़ाली आंसू बहाना चाहती है। पंजीयन के नाम पर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है यदि शासन की मंशा वास्तव में किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य प्रदान करना होता तो किसान की कृषि भूमि की खसरा नकल को ही पंजीयन मानकर उसकी उपज क्रय की जाती ओर किसान को उपज का सही मूल्य प्रदान किया जाता। प्रदेश की अन्य मंडियों की तरह थांदला मंडी क्षेत्र में भी कुल 8727 किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया या दूसरे अर्थो में पंजीयन हेतु अधिकृत संस्थाओं द्वारा शासन के दबाव मे फर्जी तरीके से पंजीयन कर दिया गया। माह अक्टूबर के मध्य तक शासन द्वारा पंजीकृत किसानों में से मात्र 300 किसानों ने अपना 2500 क्विंटल के करीब सोयाबीन विक्रय किया जबकि 976 अपंजीकृत किसानों के द्वारा 11890 क्विंटल सोयाबीन विक्रय किया गया। इससे स्पष्ट है कि अपंजीकृत किसान शासन की भावान्तर योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे, जिन्हें कम दाम पर अपनी फसल बेचना पड़ी। प्रदेश की अन्य मंडियों की तरह ही थांदला मंडी में भी व्यापारियों द्वारा मॉनोपाली बनाकर एक निश्चित भाव से ही किसानों की उपज खरीद कर किसानों का शोषण किया जा रहा है ओर प्रशासन निष्क्रिय होकर कार्य कर रहा है मंडी परिसर में मंडी लगाने को लेकर प्रशासन व व्यापारियों में नूराकुश्ती चलती रही। तो क्या यह माना जाए कि शासन की भावान्तर योजना व्यापारियों और बड़े उघोगपतियों को लाभ पहुंचाने का सरकार का गुप्त एजेंडा है। यदि सरकार भावान्तर योजना के स्थान पर पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य घोषित करके समस्त किसानों की उपज क्रय करती तो सभी किसानों को उसका पूरा लाभ प्राप्त होता और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को उपज सही दाम मिलने पर कुछ राहत मिलती लेकिन हमेशा की तरह सरकार किसानो के साथ दोहरा रवैया अपना रही है। कांग्रेस नेताओं ने किसानों की ओर से यह मांग करते है कि भावान्तर योजना के नाम पर किसानो से जा रही धोखाधड़ी बंद की जावे और प्रदेश सरकार किसानों की उपज का समर्थन मूल्य घोषित कर शासन स्तर पर किसानों की उपज क्रय करे और पंजीयन के नाम पर किसानों को भ्रमित नहीं करते हुए किसानों की खाता खसरा नकल को पंजीयन माना जाकर उनकी उपज क्रय की जाए और पंजीयन व्यवस्था के नाम पर की जा रही नोटंकीबंद की जाए। इस अवसर पर रूसमाल मेडा, शंकर गोस्वामी, राजेश वसुनिया आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।