ग्रीष्मकालीन जैन आवासीय शिक्षण-संस्कार शिविर 22 मई से

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रितेश गुप्ता, थांदला
आचार्यउमेशमुनिजी मसा के सुषिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती अणुवत्स संयतमुनिजी, आदित्यमुनिजी, सुयशमुनिजी ठाणा-3 और साध्वी धैर्यप्रभाजी, मुक्तिप्रभाजी, प्रेमलताजी, कुसुमलताजी, निखिलशीलाजी, अंगुरबालाजी, दिव्यशीलाजी आदिठाणा-12 के पावन सानिध्य में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में अखिल भारतीय धर्मदास स्थानकवासी जैन युवा संगठन द्वारा पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन जैन आवासीय षिक्षण एवं संस्कार शिविर 22 से 26 मई तक धर्मनगरी थांदला में आयोजित किया जा रहा है। श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, सचिव प्रदीप गादिया और कोषाध्यक्ष प्रकाश एम. शाहजी ने बताया कि इस शिविर में मालवा, निमाड़ व डूंगर प्रांत से बड़ी संख्या में बालक-बालिकाएं उत्साहपूर्वक भाग लेगे। शिविर में संत मंडल और साध्वी मंडल द्वारा विविध ज्ञानार्जन करवाया जाएगा। बच्चों में संस्कार कैसे रहे इस पर विविध रोचक जानकारियां प्रदान की जाएगी व संस्कारों का बीजारोपण करवाया जाएगा। अखिल भारतीय श्री धर्मदास स्थानकवासी जैन युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण विन्यायक्या ने बताया कि शिविर के पांचो ंंदिन शिविरार्थी विविध नियमों का पालन करेगे। इस षिविर के संयोजक वीरेन्द्र मेहता, हितेश शाहजी थांदला, अनंत मांडोत करवड़, श्रैयांस चोरडिय़ा और सुहास गांधी रतलाम होंगे, जबकि विशेष सहयोगी में साधना राजेन्द्र रुनवाल, अनुपमा मंगलेष श्रीश्रीमाल और शिखा सौरभ जैन रहेगे। संघ द्वारा शिविरार्थियों के लिए आवास, भोजन आदि की माकूल व्यवस्था की गई है। शिविर को लेकर युवा संगठन, श्रीसंघ और बच्चों में खासा उत्साह है। युवा संगठन व श्रीसंघ ने समस्त श्रीसंघों से इस आवासीय शिविर में बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया है। गौरतलब है कि इस तरह के आयोजित षिविर में बड़ी संख्या में बालक-बालिकाएं भाग लेते है।
प्रतिदिन होगी प्रतियोगिता
शिविर संयोजकों ने बताया कि पांच दिवसीय इस शिविर में प्रतिदिन धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। शिविरार्थियों को प्रतिदिन प्रभावना वितरित की जाएगी। वैसे प्रारंभिक संस्कारों का बीजारोपण माता पिता के द्वारा होता हैं और शिविर संस्कारों की उत्कृष्ट पाठशाला हैं। वहीं पूज्य चारित्र आत्माएं धर्म संस्कार प्रदान करने का मानो महासागर हैं। धार्मिक शिविर से न केवल मानसिक विकास होता हैं बल्कि इसके माध्यम से आत्मिक एवं आध्यात्मिक विकास की डगर पर चलने का मार्गदर्शन भी मिलता हैं। इसमें जिनशासन की महती धर्म प्रभावना कर रहे पूज्य संयमी आत्माओं के मुखारविंद से नित नया ज्ञान सिखने को मिलता हैं। शिविर ज्ञान की उत्तरोत्तर अभिवृद्धि करने की एक सशक्त कड़ी है। इसमें धार्मिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सहज ही उपहार के रूप में मिल ही जाता हैं। शिविर की यह कड़ी समय समय पर प्रतिवर्ष आयोजित होने एवं ज्ञान को नित दौहराने से सीखा गया ज्ञान प्रगाढ़ होता हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए अभा धर्मदास स्थानकवासी जैन युवा संगठन द्वारा मार्गदर्शित अणु सौभाग्य संस्कार शाला के तहत संचालित समस्त पाठशालाओं के बच्चों हेतु प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी ग्रीष्मकालीन केंद्रीय आवासीय पांच दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन 22 मई से होगा।
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