साध्वी देशनानिधि के 16 उपवास पर निकला चल समारोह

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DSCN0055झाबुआ लाइव के लिए राणापुर एमके गोयल की रिपोर्ट-
पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेवेश जयंत सेन सूरीश्वरजी की आज्ञानुवर्ती साध्वी चारित्रकला श्रीजी की वर्धमान तप की 71वीं ओली एवं साध्वी देशना निधि के 16 उपवास की तपस्या पूर्ण हुई। इसकी अनुमोदना में श्रीसंघ ने त्रिदिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव मनाया। मंगलवार को अंतिम दिवस के अवसर पर चल समारोह के साथ राजेंद्र भवन पर तप अनुमोदना समारोह आयोजित किया गया। समारोह में अहमदाबाद, इंदौर, दाहोद, पारा, झाबुआ आदि नगरों से समाजजनों ने उपस्थिति दर्ज की। शोभायात्रा राजेन्द्र भवन से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्गो से होकर गुजरी। बैंड की स्वरलहरियां जैन स्तवनों से वातावरण को भक्तिमय बना रहा था। गरबा खेलने में युवक युवतियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। शोभायात्रा में श्रावकजन तपस्वियों की जय-जय कार करते चल रहे थे। साध्वी चारित्रकलाश्री के पारणे की बोली 108 आयम्बिल में उर्मिला जितेंद्र कटारिया ने ली। देशनानिधिजी के पारणे का लाभ प्रभावती सोहनलाल भंसाली ने लिया।श्रीसंघ के साथ साध्वीजी उनके घर व्होरने गई। कटारिया परिवार ने संघ पूजा की। राजेन्द्र भवन में तप अनुमोदन सभा हुई। साध्वी मंडल के गुरूवंदन व मंगला चरण से इसकी शुरुआत हुई। डिंपल मेहता, मलका तलेरा, मंजु सकलेचा, पवन नाहर, सुरेश समीर, बालिका परिषद ने भक्ति गीत प्रस्तुत किये।चन्द्रसेन कटारिया, राजेन्द्र सियाल, रूपेश व्होरा साध्वी अर्हम निधि श्रीजी ने तप अनुमोदन में विचार व्यक्त किए। साध्वी क्रियानिधि ने तप अनुमोदन गीत प्रस्तुत किया। इसके पश्चात साध्वीश्री चारित्रकला श्रीजी ने तप धर्म की महत्ता पर अपना उद्बोधन दिया। उन्हें कामली ओढ़ाने की बोली निलेश सोहनलाल कटारिया ने ली। संचालन कमलेश नाहर ने किया।
इनका हुआ बहुमान
त्रिदिवसीय महोत्सव के दौरान पहले दिन गुरुदेव की अष्टप्रकारी पूजा हंसा रमेशचन्द्र नाहर की ओर से थी। रात्रि में वेयावच समिति की ओर से भक्ति का आयोजन हुआ। दूसरे दिन भक्तामर महापूजन व रात्रि भक्ति के लाभार्थी सजनलाल रमणलाल संजयकुमार कटारिया परिवार थे। सांय का स्वामी वात्सल्य नवयुवक परिषद व पार्श्व ग्रुप की ओर से था। तृतीय दिवस व्होरा कीर्ति भाई थराद वालों की ओर से महावीर पंच कल्याणक पूजा महिला परिषद ने पढ़ाई। स्वामिवत्सल्य शांता बाई बाबूलाल भंसाली परिवार दाहोद की ओर से हुआ। रोजाना चोविशी का आयोजन हुआ।सभी लाभार्थियों का बहुमान चातुर्मास समिति व श्रीसंघ से किया गया।