जीवन में आपके द्वारा लिया गया संकल्प आपके जीवन की दिशा और दशा तय करता है। 

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कुंवर हर्षवर्धनसिंह परिहार, राणापुर

राणापुर के श्री कृष्ण गार्डन पर आयोजित रामकथा के अष्ठम दिवस पर व्यास पीठ पर विराजमान ज्ञानीजी ने  संकल्प की महिमा का ज्ञान करवाते हुए कहा कि आपके जीवन में आपके द्वारा लिया गया संकल्प आपके जीवन की दिशा और दशा तय करता है। अतः जीवन मे प्रत्येक व्यक्ति को ईस्वर प्राप्ति के लिए ओर भक्ति के मार्ग में  चलने के लिए शुभ संकल्प की आवश्यकता है। 

कथा में उन्होंने हनुनामजी के संकल्प के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने भोर होने से पहले संजीवनी लाने का संकल्प लिया और अपने प्रभु श्री राम को अपने अन्तःकरण में बसा कर संकल्प लिया और संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाये। आपके जीवन मे जो भी है जो भी कमाया हुआ है वह सब आपकी गुरु भक्ति और संकल्प का प्रमाण है। भगवान श्री राम वनवास के दौरान वाल्मीकि ऋषि के आश्रम पहुँचने पर उनसे अपने रहने का निवास स्थान वाल्मीकि जी से पूछते हैं । तब बाल्मीकि जी राम जी से निवेदन करते हैं कि जो जीव दूसरो के सुख में सुखी व आनंदित हो तथा जो दूसरों का दुःख देखकर अति दुःखी हो जाता हो और जिन्हें राम तुम प्राणों के समान अति प्रिय हो वही उनके अंतर्मन हृदय में तुम्हारे निवास योग्य शुभ व स्थान है।अतः प्राणी मात्र की जीव में प्रभु का निवास है।आज रामकथा में अष्ठम दिवस भोजन प्रसादी का  लाभ मनोज सागर सिंह और मनीष शेतानसिंह  ने प्राप्त कीया और दैनिक जजमान का लाभ कीर्तिश स्व धूलजी जी राठोड ने ओर आरती प्रसादी का लाभ मांगीलाल रूपचन्द जी ने प्राप्त किया ,व्यास पीठ के पुजन का लाभ मुख्य जजमान नारायण जी पंडा, बाबुलाल जी राठोड ,मनोज सागर सिंह ,मनीष शैतान सिंह पँवार ने लाभ प्राप्त किया।