कल्पसूत्र को घर ले जाकर श्री संघ की के साथ भक्ति करते हुए जागरण करना विशेष फलदायी होता है-  नाहर

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मयंक गोयल, राणापुर

 श्वेताम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व के तीसरे दिन बुधवार को नगर के सुविधिनाथ, मुनिसुव्रत स्वामी और सीमंधर स्वामी मन्दिरो में सुबह से धार्मिक क्रियाओ का दौर प्रारम्भ हो रहा है । सभी समाजजन उत्साह और उमंग के साथ पर्वाधिराज पर्व पर्युषण में विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में भाग ले रहे है । मंगलवार को शाम को बालिका परिषद ने यतींद्र ज्ञान मंदिर में भगवान मुनिसुव्रतस्वामी जी की सूंदर आंगी और द्वार पर आकर्षक रांगोली बनाई । मुनिसुव्रत जिनालय में तीसरे दिन के व्याख्यान मे शास्त्र वाचक मनोहरलाल नाहर ने श्रावकों के वार्षिक ग्यारह कर्तव्यों के बारे मे बताया। उन्होंने बताया कि श्रावको को स्वामी वात्सल्य, साधार्मिक भक्ति, संघ को तीर्थयात्रा करवाना रात्री जागरण पूर्वक भक्ति , वर्ष मे एक बार अवश्य करना ओर करवाना चाहीए। शास्त्र अनुसार कल्पसूत्र को घर ले जाकर श्री संघ की के साथ भक्ति करते हुए जागरण करना विशेष फलदायी होता है । बुधवार सुबह व्याख्यान के दौरान मुनिसुव्रत जिनालय में कल्प सूत्र व्होराने की बोली हुई जिसका लाभ जितेंद्र सज्जनलाल कटारिया ने लिया। गुरुवार को भगवान के 14 सपनाजी को उठाने की बोली होगी । दोपहर में सपना जी के साथ जुलूस निकलेगा । शुक्रवार को भगवान महावीर जन्मवाचन होगा । बुधवार को मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय में शास्त्र जी की गहुली और प्रभावना राजेन्द्र एम कटारिया की और से की गई। दोपहर को नवपद पूजन पार्श्व संगीत मण्डल ने पढ़ाई । जिसके लाभार्थी चन्द्रसेन कटारिया, सज्जनलाल कटारिया थे । रात्रि में तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता हुई । जिसमे सीनियर में प्रथम प्रवीण नाहर दिव्तीय शिरीष कटारिया,नेहा नाहर,भावना कटारिया,अर्चना सालेचा तृतीय सुनीता कटारिया,सिमा सालेचा रहे जबकि जूनियर में प्रथम नेहा कटारिया, दिव्तीय मोक्चा नाहर,अर्हम नाहर,जैनम जैन,वेदी नाहर तृतीय दिव्य जैन, गुनगुन सालेचा,परक्चा कटारिया रहे। प्रतियोगिता के पुरुस्कार के लाभार्थी जितेंद्र सालेचा थे । कार्यक्रम का संचालन खुशबू कटारिया ने किया । जानकारी ललित सालेचा ने दी ।

जो व्यक्ति धर्म से जुड़ गया वो संसार से तर गया – अशोक 
श्री त्रिस्तुतिक जेन श्वेताम्बर
(ओसवाल)समाज द्वारा श्री राजेंद्र भवन में पर्युषण महापर्व चल रहा है।श्री कल्प सूत्र वाचन के लिए श्री अशोक जी जैन, संजय जी मामा, अभय जी पुराणी राजगढ वाले पधारे हे।वक्ताओं ने कहा कि जो व्यक्ति धर्म से जुड़ गया वह निसन्देह संसार सागर से तर गया।पर्युषण के आठ दिनों में श्रावक श्राविकाओं को यथा शक्ति जप,तप,और स्वाध्याय करना चाहिए।
कल्प सूत्र वाचन के पहले शास्त्र जी व्होराने,वासकेप पूजन,अष्ट प्रकारी पूजन एवम आरती का लाभ सोहन लालजी सेठ,रमेश जी नाहर, राजेंद्र सियाल ने लिया।प्रभावना देवेंद्र नाहर की और से वितरित की गई .गुरुवार को प्रातः 9 बजे लाभार्थी के निवास से शास्त्र जी को धूम धाम से लाया जाएगा पश्चात सारी क्रियाए सम्पन्न होगी। दीपक एकासने कराये गये।प्रश्न मंच में 10 प्रतियोगी को चांदी की गिन्नी दी गई।समारोह का संचालन सुरेश समीर ने किया। संघ अध्यक्ष दिलीप सकलेचा ने संबोधित करते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

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